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जैन धर्म की श्वेताम्बर परम्परा में प्रचलित तप-विधियाँ...195 धातकी खण्डे पश्चिम भरते अनागत चौबीसी के पाँच
कल्याणक।12। 4. श्री आदिकर सर्वज्ञाय नमः 6. श्री धनद अर्हते नमः 6. श्री धनद नाथाय नमः 6. श्री धनद सर्वज्ञाय नमः 7. श्री पौष नाथाय नमः पुष्कराद्धे पश्चिम भरते अतीत चौबीसी के पाँच कल्याणक।13।
4. श्री प्रलंब सर्वज्ञाय नमः . 6. श्री चारित्रनिधि अर्हते नमः 6. श्री चारित्रनिधि नाथाय नमः 6. श्री चारित्रनिधि सर्वज्ञाय नमः 5. श्री प्रशमजित नाथाय नमः पुष्कराद्धे पश्चिम भरते वर्तमान चौबीस के पाँच कल्याणक।14। 21. श्री स्वामि सर्वज्ञाय नमः 19. श्री विपरीत अर्हते नमः 19. श्री विपरीत नाथाय नमः 10. श्री विपरीत सर्वज्ञाय नमः 18. श्री प्रासादनाथ नाथाय नमः पुष्कराद्धे पश्चिम भरते अनागत चौबीसी के पाँच कल्याणक।15। 4. श्री अघटित सर्वज्ञाय नमः 6. श्री भ्रमणेन्द्र अर्हते नमः 6. श्री भ्रमणेन्द्र नाथाय नमः . 6. श्री भ्रमणेन्द्र सर्वज्ञाय नमः 7. श्री ऋषभचन्द्र नाथाय नमः जम्बूद्वीप ऐरवत क्षेत्रे अतीत चौबीसी के पाँच कल्याणक।16।
4. श्री दयांत सर्वज्ञाय नमः 6. श्री अभिनन्दन अर्हते नमः . 6. श्री अभिनन्दन नाथाय नमः 6. श्री अभिनन्दन सर्वज्ञाय नमः
7. श्री रत्नेश नाथाय नमः जम्बूद्वीपे ऐरवत क्षेत्रे वर्तमान चौबीसी के पाँच कल्याणक।17। 21. श्री शामकाष्ठ सर्वज्ञाय नमः 19. श्री मरुदेव अर्हते नमः 19. श्री मरुदेव नाथाय नमः 19. श्री मरुदेव सर्वज्ञाय नमः 18. श्री अतिपार्श्व नाथाय नमः