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264...सज्जन तप प्रवेशिका 34. लोक स्वरूप भावना भाविताय श्री आचार्याय नमः 35. बोधि दुर्लभ भावना भाविताय श्री आचार्याय नमः 36. दुर्लभ धर्म साधक भावना भाविताय श्री आचार्याय नमः
10 खमासमण- स्थविर पद की आराधना हेतु प्रदक्षिणा दोहा
तजि पर परिणति रमणतां, लहे निज भाव स्वरूप ।
स्थिर करता भवि लोक ने, जय जय स्थविर अनूप ।। खमासमण के पद 1. लौकिक स्थविर देशकाय लोकोत्तर स्थविराय नमः 2. देश स्थविर लोकोत्तर स्थविराय नमः 3. ग्राम स्थविर देशकाय लोकोत्तर स्थविराय नमः 4. कुल स्थविर देशकाय लोकोत्तर स्थविराय नमः 5. लौकिक कुल स्थविर देशकाय लोकोत्तर स्थविराय नमः 6. लौकिक गुरु स्थविर देशकाय लोकोत्तर स्थविराय नमः 7. लोकोत्तर श्री संघ स्थविराय नमः 8. लोकोत्तर पर्याय स्थविराय नमः 9. लोकोत्तर श्रुत स्थविराय नमः 10. लोकोत्तर वयः स्थविराय नमः
25 खमासमण-उपाध्याय पद की आराधना हेतु प्रदक्षिणा का दोहा
तत्त्व बोध विणु जीव ने, न होय तत्त्व प्रतीत ।
भणे भणावे सूत्र ने, जय जय पाठक गीत ।। खमासमण के पद 1. आचारांग सूत्र पाठकाय श्री उपाध्याय नमः 2. सुयगडांग सूत्र पाठकाय श्री उपाध्याय नमः 3. समवायांग सूत्र पाठकाय श्री उपाध्याय नमः 4. ठाणांग सूत्र पाठकाय श्री उपाध्याय नमः