Book Title: Sajjan Tap Praveshika
Author(s): Saumyagunashreeji
Publisher: Prachya Vidyapith

View full book text
Previous | Next

Page 372
________________ 310...सज्जन तप प्रवेशिका पारिट्ठावणि-यागारेणं, महत्तरागारेणं, सव्वसमाहिवत्तियागारेणं वोसिरइ (वोसिरामि)। ___ 12. देसावगासिक पच्चक्खाण- देसावगासियं भोग-परिभोगं पच्चक्खाइ, अन्नत्थणाभोगेणं, सहसागारेणं, महत्तरागारेणं, सव्वसमाहिवत्तियागारेणं वोसिरइ (वोसिरामि)। 13. दत्तियं-पच्चक्खाण- पोरसी-साड्डपोरिसी पुरिमटुं वा पच्चक्खाइ, उग्गए सूरे चउव्विहंपि आहारं-असणं, खाइमं, साइमं, अन्नत्थणाभोगेणं, सहसागारेणं, पच्छन्नकालेणं, दिसामोहेणं, साहुवयणेणं, सव्वसमाहिवत्तियागारेणं, एकासणं एगट्ठाणं दंत्तियं पच्चक्खाइ, तिविहंपि चउव्विहंपि आहारं-असणं, पाणं, खाइमं, साइमं, अन्नत्थणाभोगेणं, सहसागारेणं, सागारिआगारेणं, गुरुअब्भुट्ठाणेणं, महत्तरागारेणं, सव्वसमाहिवत्तियागारेणं वोसिरइ। 14. आयंबिल-नीवि-एकासणा-बिआसणा पारने का पाठ-उग्गए सूरे नमुक्कारसहिअं-पोरसी मुट्ठिसयं-पच्चक्खाण किया चउविहार, आयंबिलनीवि-एकासणा-बिआसणा पच्चक्खाण किया फासियं, पालियं, सोहियं, तीरियं, किट्टिअं, आराहियं जं चं न आराहिअं तस्स मिच्छामि दुक्कडं। सायंकालीन पच्चक्खाण 15. दिवसचरिमं चउविहार पच्चक्खाण- दिवसचरिमं पच्चक्खाइ चउव्विहंपि, आहार-असणं, पाणं, खाइमं, साइमं, अन्नत्थणाभोगेणं, सहसागारेणं, महत्तरागारेणं, सव्वसमाहिवत्तियागारेणं वोसिरइ (वोसिरामि)। 16. दिवसचरिमं दुविहार पच्चक्खाण- दिवसचरिमं पच्चक्खाइ दविहंपि आहारं-असणं, खाइमं, अन्नत्थणाभोगेणं, सहसागारेणं, महत्तरागारेणं, सव्वसमाहिवत्तियागारेणं वोसिरइ (वोसिरामि)। 17. पाणाहार पच्चक्खाण- पाणाहार दिवसचरिमं पच्चक्खाइ, अन्नत्थणाभोगेणं, सहसागारेणं, महत्तरागारेणं, सव्वसमाहिवत्तियागारेणं वोसिरइ (वोसिरामि)। 18. भवचरिम पच्चक्खाण- भवचरिमं पच्चक्खाइ तिविहंपि चउव्विहंपि आहारं-असणं, पाणं, खाइमं, साइमं, अन्नत्थाणाभोगेणं, सहसागारेणं, महत्तरागारेणं, सव्वसमाहिवतियागारेणं वोसिरइ। 19. अभिग्रह का पच्चक्खाण- गंठिसहिअं मुट्ठिसहि वा पच्चक्खाइ अन्नत्थणाभोगेणं, सहसागारेणं, महत्तरागारेणं सव्वसमाहिवत्तियागारेणं वोसिरइ।

Loading...

Page Navigation
1 ... 370 371 372 373 374 375 376