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भजन कर मन भजन कर मन ...................... हवे हुं समज्यो जिनवर नाम ......................... फूल्यो शुं फरे छे फूली रे......
.....१२९ जडनो राग निवारो, चेतन! ....................... सहुने छे मरवानुं अन्ते.................
......१३० अलख देशमें वास हमारा .......................... रे जीव धर्मने धारीए.........
......१३२ चेतन चतुर थईने............................... आप स्वरूप संभाळो, आतम .........
.......१३३ अब हम उत्तर गये भवपारा ........................ संतो! धर्मी तेह कहीजे ......................... .....१३४ आत्म कुटुंबने देखो आतम! ....................
....१३५ मानव भव नहीं हारो, मनुष्यो! ................. ....१३६ माया नहीं छे तारी, आतम! .......
....१३६ क्यांथी आव्यो क्यां जईश भाई! ................ ....१३७ धर्मी बनो नर नार, जगतमां
...१३८ समता भावमां रे चेतन! ..................... १३९ मायामां मनडुं मोद्यं रे .. .........................
......१४० माया न मूरख तारी रे ...................... ...१४२
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