Book Title: Rup Jo Badla Nahi Jata
Author(s): Moolchand Jain
Publisher: Acharya Dharmshrut Granthmala

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Page 15
________________ माताजी ठीक ही तो है। बन जाने दो उसे मुनि हम लौटा लायेंगे उसे। आप रंच भी चिन्ता न करो। जैसा आप ठीक समझो अगले दिन... पिता जी, अब मेरे लिये क्या आज्ञा है? जैसी तुम्हारी इच्छा । DJap HANU ब्रह्मगुलाल पहुंचे अपनी पत्नी के पास और... प्रिये हमने मुनि बनने का निश्चय कर लिया है तुम्हारी क्या राय है? आपके पिताजी माताजी की क्या राय है?

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