Book Title: Purudev Champoo Prabandh
Author(s): Arhaddas, Pannalal Jain
Publisher: Bharatiya Gyanpith

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Page 446
________________ परिशिष्टानि ४०७ लोकपाल४.(७८).१७३ वसुन्धरा २.२.४९ देवोंका एक भेद उत्पलखेट नगरीके राजा वज्रबाहुलोकेश्वर ७.२.२५४ की रानी, वज्रजंघकी माता भगवान् वृषभदेव वपन्धरा २.(६५).७६ लोलुप ३.(३६).१०८ वज्रदन्त चक्रवर्तीकी माता सुप्रतिष्ठितपुरका एक हलवाई, वसुमती २.(६०).७४ नकुलका पूर्वभव राजा अजितंजय की स्त्री [व] वासव २.(५१).६९ गन्धर्वपुरका राजा एक विद्याधर वज्रजंघ २.२.४९ वासव ४.६३.१७८ ललितांगदेवका जीव, भगवान् सौधर्मेन्द्र वृषभदेवका एक पूर्वभव विकसित २.(५९).७३ वज्रदन्त २.५.५१ अमृतमति मन्त्रीके पुत्र प्रहसितका पुण्डरीकिणी नगरीका राजा, मित्र श्रीमतीका पिता विजय ३.५३.१३१ वज्रदन्त ३.(११२).१३५ शार्दूलार्यका जीव वजनाभि चक्रवर्तीका पुत्र विजय १.३६.२४ वज्रधर ५.(४१).२११ राजा अरविन्दकी स्त्री विजयाध ९.२१.३३७ वज्रनामि ३.(९६).१३१ विजया पर्वतका एक अधिष्ठाता अच्युतेन्द्रका जीव, भगवान् वृषभ व्यन्तरदेव देवका पूर्वभव विद्युल्लता १.(९६).४३ वज्रबाहु २.२.४९ ललितांगकी स्त्री उत्पलखेट नगरीके राजा वज्रजंघके विनयंधर २.(५१).७० पिता एक केवली वज्रसेन३.(९६).१३१ विनमि ८.(१०).२८४ वज्रनाभि चक्रवर्तीका पिता राजा महाकच्छका पुत्र वरदत्त३.(८६).१२७ विमीषण ३.(८६).१२७ शार्दूलार्य तथा चित्रांगदका जीव शार्दूलार्यके जीव, वरदत्तके पिता वरवीर६.(६३).२४६ विमीषण २.(४९).६८ भगवान् वृषभदेवका पुत्र रत्नसंचयके राजा श्रीधर और वरसेन २.(२५).६० मनोरमा रानीका पुत्र नारायण ___ नागदत्त और सुदत्तीका पुत्र विमलवाह ३.(८७).१२७ वरसेन ३.(८६).१२७ एक तीर्थंकर मणिकुण्डलीका जीव वीर ३.(९).९९ वसन्तसेना ३.(३४).१०८ वनजंघ और श्रीमतीका पुत्र विजयपुरके राजा महानन्दकी स्त्री वीर ६.(६२).२४६ वसन्धरा २.(६०).७४ भगवान् वृषभदेवका पुत्र प्रभाकरपुरीके राजा महासेनकी वृषभ १.१.१ स्त्री प्रथम तीर्थंकर, कथानायक Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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