Book Title: Prasamrati Prakarana
Author(s): Umaswati, Umaswami, Mahesh Bhogilal, V M Kulkarni
Publisher: Nita M Bhogilal & Others

Previous | Next

Page 128
________________ प्रशमरति दण्डं प्रथमे समये कपाटमथ चोत्तरे तथा समये । मन्थानमथ तृतीये लोकव्यापी चतुर्थे तु ॥ २७३॥ संहरति पञ्चमे त्वन्तराणि मन्थानमथ पुन: षष्ठे । सप्तमके तु कपाटं संहरति ततोऽष्टमे दण्डम् ॥ २७४ ॥ औदारिकप्रयोक्ता प्रथमाष्टमसमययोरसाविष्ट: । मिश्रौदारिकयोक्ता सप्तमषष्ठद्वितीयेषु ।। २७५ ।। कार्मणशरीरयोगी चतुर्थके पञ्चमे तृतीये च । समयत्रयेऽपि तस्मिन् भवत्यनाहारको नियमात् ॥ २७६ ॥ 110

Loading...

Page Navigation
1 ... 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142 143 144 145 146 147 148 149 150 151 152 153 154 155 156 157 158 159 160 161 162 163 164 165 166 167 168