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एवं राजभाषा होने को सूचित करता है। विदेशी-शासकों के अभिलेख
उत्तर-पश्चिमी भारत के हिंद-यूनानी-युग के अभिलेखों में अशोक के शाहबाजगढी और मानसेहरा के अभिलेखों की भाँति प्राकृत की भाषागत-विशेषताएँ मिलती हैं। 'हेलियोदोर' नामक यूनानी तक्षशिला से विदिशा के राजा भागचन्द्र के दरबार में आया था। वह हिन्द-यूनानी-शासक 'अंतलिकित' (दूसरी शती ई.पू. के अन्तिम-चरण) का राजदूत था। उसके बैसवनगर (विदिशा) मध्यप्रदेश के अभिलेख में संस्कृत और साहित्यिक-प्राकृत का कुछ प्रभाव द्रष्टव्य है। इसीप्रकार शक-पार्थियन और कुषाण-शासकों के कुछ अभिलेख प्राकृत और मिश्रित-भाषा में मिले हैं। यह बात संस्कृत के कुछ प्रारभिक-पुरालेखों में जो शक-राष्ट्रीयता के विदेशी-शासकों के लेखों में प्रयुक्त है, दृष्टिगत होती है। शक-क्षत्रप अभिलेख : शोडासकालीन मथुरा-पूजा-अभिलेख
15 ई. में संस्कृत- प्रभावित प्राकृतभाषा में निबद्ध यह अभिलेख मथुरा जिले के कंकाली टीला में प्राप्त हुआ नहपानकालीन दो नासिक गुहालेख भी प्राकृतभाषा में उपलब्ध है, जो नहपान के जामाता ऋषभदत्त ने लिखवाये हैं। भारतीय-यवन अभिलेख
इनमें मेनेन्दर-कालीन शिवकोट-प्रस्तर-अस्थि-मंजूषा- अभिलेख 115-90 ई.पू. तथा शेन्डोफरनीज का तख्त-ए-बाही प्रस्तर अभिलेख –ये दोनों ही 'खरोष्ठी-लिपि' में । निबद्ध हैं, जिनकी भाषा प्राकृत है। कुषाणकालीन अभिलेख
(1) इसमें पहला कनिष्क प्रथमकालीन सारनाथ 'बौद्ध प्रतिमाभिलेख' (81 ई.) है, जिसकी प्राकृतभाषा संस्कृत से प्रभावित है। (2) दूसरा कुषाण राज्य का 'तक्षशिला रजतपत्र अभिलेख' है। इसकी भाषा प्राकृत, परन्तु लिपि 'खरोष्ठी' है। (3) तीसरा हुवियन का 'वर्डाक कांस्य पत्र-लेख' अफगानिस्तान में वर्डाक के एक स्तूप से प्राप्त हुआ है। इसकी प्राकृतभाषा संस्कृत से प्रभावित है तथा लिपि 'खरोष्ठी' है। (4) चौथा हुविष्क का 'मथुरा प्रस्तर अभिलेख' है, जिसकी भाषा 'प्राकृत' और लिपि 'ब्राह्मी' है। प्रमाणों से ज्ञात होता है कि वासिपक के बाद हुवियक कुषाण-वंश का शासक बना। (5) पाँचवाँ कनिष्क द्वितीय का 'आरा पाषाण-लेख' है। 78 ई. में लिखित प्राकृतभाषा के इस लेख में कनिष्क के शासन में दषण्हर द्वारा बनवाने कुआँ बनवाने का उल्लेख है। (6) छठा ‘कालवान ताम्रपत्र अभिलेख' (रावलपिण्डी) में प्राचीन तक्षशिला के समीप स्थित 77 ई. के इस अभिलेख में प्राकृतभाषाएँ बुद्ध के देहावशेष प्रतिष्ठित कराने का
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प्राकृतविद्या जनवरी-जून '2003 (संयुक्तांक)