Book Title: Prakrit Vidya 2003 01
Author(s): Rajaram Jain, Sudip Jain
Publisher: Kundkund Bharti Trust

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Page 103
________________ आहुतियों से सम्पूर्ण वातावरण पवित्र किया गया। इसके बाद तीर्थंकर वृषभदेव की प्रतिमा जी की नवीन वेदी पर स्थापना कार्य सैकड़ों श्रावकों ने हर्ष व उल्लास के साथ सम्पन्न कराया। इस सम्पूर्ण कार्यक्रम का आयोजन पू. ऐलक 105 श्री गोसल सागर जी के नेतृत्व मार्गदर्शन व कठोर परिश्रम तथा संरक्षण में सम्पूर्ण हुआ। इस पावन कार्यक्रम में सहयोग के लिए ब्रह्मचारी बहिन कु. राखी जैन व श्री अनुराग जैन का समाज द्वारा अभिनंदन किया गया। ___इस सम्पूर्ण आयोजन में श्री अजीत कुमार चौधरी, श्री डूंगरमल, कासलीवाल, श्री प्रेमचंद्र चौधरी व श्री प्रभात कुमार जैन के अनवरत अथक प्रयासों व समर्पण-भाव की सर्वत्र सराहना की गई। श्री हेमचन्द्र चौधरी एवं अन्य कई श्रावकजनों के लिए यह आयोजन उनकी जीवन-दिशा बदलनेवाला रहा। -अरुण कुमार जैन, भुवनेश्वर (उड़ीसा) ** प्राकृत पत्राचार-पाठ्यक्रम दिगम्बर जैन अतिशयक्षेत्र, श्री महावीरजी द्वारा संचालित 'अपभ्रंश साहित्य अकादमी' द्वारा ‘पत्राचारं प्राकृत सर्टिफिकेट पाठ्यक्रम' प्रारम्भ किया जा रहा है। सत्र 1 जुलाई, 2003 से प्रारम्भ होगा। नियमावली एवं आवेदन-पत्र दिनांक 25 मार्च से 15 अप्रैल, 2003 तक अकादमी कार्यालय, दिगम्बर जैन नसियाँ भट्टारकजी सवाई रामसिंह रोड, जयपुर302004 से प्राप्त करें। कार्यालय में आवेदन-पत्र पहुँचने की अन्तिम तारीख 15 मई, 2003 है। -सम्पादक ** छत्तीसगढ़ में जैनसमुदाय अल्पसंख्यक घोषित छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा जैनसमाज को अल्पसंख्यक के रूप में घोषित किया गया है, इस बारे में एक अधिसूचना जारी की गई। जिसका प्रारूप निम्नानुसार है आदिमजाति एवं अनुसूचित जाति विकास विभाग मंत्रालय, दाऊ कल्याण सिंह भवन, रायपुर रायपुर, दिनांक 24 दिसम्बर 2002 अधिसूचना क्रमांक एफ/5882/2614/आजावि/2002 - छत्तीसगढ़ राज्य अल्पसंख्यक आयोग अधनियम, 1996 की धारा 2 के खण्ड (ग) के उप-खण्ड (दो) द्वारा प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग में लाते हुए, राज्य सरकार, एतद्द्वारा, उक्त अधिनियम के प्रयोजन के लिए, छत्तीसगढ़ के मूल निवासी जैन समुदाय को, अल्पसंख्यक समुदाय के रूप में अधिसूचित करती है। छत्तीसगढ़ के राज्यपाल के नाम से तथा आदेशानुसार, . ए.के. द्विवेदी, संयुक्त सचिव ** प्राकृतविद्या जनवरी-जून '2003 (संयुक्तांक) 00 101.

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