Book Title: Prakrit Vidya 2003 01
Author(s): Rajaram Jain, Sudip Jain
Publisher: Kundkund Bharti Trust

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Page 108
________________ वाजपेयी द्वारा प्राचीन-पांडलिपियों के संग्रह पर बल प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने आज देश में बड़े पैमाने पर उपलब्ध प्राचीन पांडुलिपियों के संग्रहण तथा उनके संरक्षण पर जोर देते हुए कहा कि इससे हमारी राष्ट्रीय एकता के नए प्रमाण सामने आएंगे। श्री वाजपेयी ने यहाँ राष्ट्रीय पांडुलिपि मिशन का शुभारंभ करते हुए कहा कि हमारे देश में पांडुलिपियों का अपार-भंडार है। यह अमूल्य-धरोहर कई-संस्थाओं में बिखरी पड़ी है। इनमें से अधिकांश निजी-लोगों के पास पड़ी हैं। इनमें ज्यादातर असुरक्षित हैं और सूचीबद्ध भी नहीं हैं। इन पर अनुसंधान कर उन्हें प्रकाशित करने की जरूरत है, जो हमारी जीवंत-सभ्यता की विरासत की निशानी हैं। उन्होंने कहा कि इन पांडुलिपियों के संग्रहण और संरक्षण से हमारे आध्यात्मिक, कलात्मक, बौद्धिक और वैज्ञानिक विरासत के बारे में ज्ञान में वृद्धि होगी। उन्होंने कहा कि भारत में 35 लाख से अधिक पांडुलिपियाँ प्राचीन और समसामयिक भाषाओं में उपलब्ध हैं। -सम्पादक ** भाषाओं को बचाने का विश्व-अभियान भारत को शुरू करना चाहिए नई दिल्ली, 29 अक्तूबर, जनसत्ता। भाषाएँ इस समय संकट में हैं। इसलिए जैसे पर्यावरण को बचाने के लिए विश्व-अभियान सफलतापूर्वक चला है, वैसे ही मनुष्य की विविधता को सुनिश्चित करने के लिए भाषाओं को बचाने का एक विश्व-अभियान भारत को शुरू करना चाहिए। यह बात आज यहाँ 'महात्मा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय' के कुलपति अशोक वाजपेयी ने कही। वे '21वीं सदी की वास्तविकता: भाषा, संस्कृति और टेक्नोलॉजी' विषय पर तीन दिवसीय सेमिनार के उद्घाटन के अवसर पर बोल रहे थे। 'इंडिया इंटरनेशनल सेंटर' में हो रहे इस सेमिनार का आयोजन महात्मा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय और केन्द्रीय भारतीय भाषा संस्थान, मैसूर द्वारा साझा तौर पर किया गया है। . उद्घाटन समारोह के दौरान शैलेंद्र कुमार सिंह और एन.एच. इटैगी द्वारा संपादित पुस्तक 'लिंग्विस्टिक लैंडस्केपिंग इन इंडिया' का लोकार्पण प्रो. जी.एन. देवी ने किया। -सम्पादक ** श्री नेमिचंदजी पाटनी दिवंगत प्रसिद्ध समाजसेवी, श्रेष्ठिप्रवर पण्डित टोडरमल स्मारक ट्रस्ट के महामंत्री नेमिचंदजी पाटनी का दिनांक 20 जनवरी '03 को सायं 4 बजे देहली में हृदयगति रुकने से देहावसान हो गया है। आप 91 वर्ष के थे। दिनांक 21 जनवरी '03 को आगरा में उनका अंतिम संस्कार किया गया। टोडरमल स्मारक भवन, जयपुर में भी 31 जनवरी '03 को सायं दिगम्बर जैन महासमिति, भारत जैन महामण्डल, राजस्थान खादी संघ, अ.भा.दि. जैन विद्वत्परिषद्, अ.भा.दि. जैन युवा परिषद्, राजस्थान जैनसभा, मंदिर महासंघ, अतिशय क्षेत्र महावीरजी आदि भारतवर्ष की जैनसमाज की शीर्षस्थ 33 विभिन्न संस्थाओं शोक सभा आयोजित करके श्रद्धांजलि दी गयी। पण्डित टोडरमल स्मारक ट्रस्ट के महामंत्री डॉ.

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