Book Title: Prakarana Ratnakar Part 4
Author(s): Bhimsinh Manek Shravak Mumbai
Publisher: Shravak Bhimsinh Manek

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Page 13
________________ कर्मग्रंथ छो. ४३ गाथा ७७ लेखी त्रण पंक्तिनी उपरनी पंक्तिमा २६ अने तथा बन्ने शब्द काढी नाखवा योग्य . ___Y४ गाथा 3 पहेली पंक्तिमा अरुपी शब्द जे त्यां रुपी समजवो. ४५ गाथा ७ सातमी पंक्तिमां त्रिगुणीथी हीन डे माटे संख्यात गुणीना बदल विशेषाधिक जोश्ए. ४६ गाथा ७ मां पुजल परावर्तननी हकीकत यश् रह्या पली प्रकारांतरे वर्णादिक ११ नुं स्वरूप डे ते २२ अगुरुलघु सहित करी गएया ते समजातुंनथी. २० नेला अगुरुलघु नेलो गणवाश्री ५१ थाय पण ते बराबर नश्री. २० व्याजबी लागे जे. ४ गाथा ए१ बेवटथी उपर जतां ४ थी पंक्तिमां शातावेदनीयनो एम जे त्यां अशातावेदनीयनो एम जोश्ए. शाता संबंधी हकीकत श्रगान १७ प्रकृतिमां श्रावी गइ. ४ गाथा ए पारिग्राफ त्रीजामां ज्यां तिर्यंचनु के नरकनुं आयुष्य बंधातुं होय त्यां पाठ कर्मनो बंधक होय. बीजी प्रकृतिमा ७ कर्मनो बंधक ग्रहण करवो. ४ए गाथा ए६ पारिग्राफ त्रीजामां केवल योगे करीज पढ़ी अगीयारमे शब्द बारमा अगाउ वधारवानो बे. ५० गाथा एG पारिग्राफ चोथामां बे ठेकाणे खपावे शब्द बदले उपशमावे जोश्ए. बेवट ऋण लीटी पड़ी चोथी लीटीमां ज्ञानावरणादिनो बे वे मुहूर्त जे त्यां बे बे अंतमुहूर्त जोश्ए. कर्मग्रंथ हो. ५१ गाथा ए त्रीजा पारियाफमां चोथा पंक्तिमा आठमाना बीजा जागथी मामीने ११ मा गुणगणा लगे एम डे त्यां १९ मा बदल १० गुणगणा सुधी ग्रहण करवू. ५२ गाथा १७ पहेला पारिग्राफमां १० मी पंक्तिमां बीजाअप्रत्याख्यानादि चारेले ते बदल चारे शब्द रद करी त्रणे जोश्ए श्रने बारमी पंक्तिमां बीजा प्रत्याख्यानादिक त्रणे बदले बे शब्द जोशए तथा तेना बीजा पारिग्राफमां एक मिथ्यात्व सातने उदये लहीए तथा श्रावा शब्दमांथी एक मिथ्यात्व बाद करी ते जग्याए मिथ्यात्वादि सातने उदये एम समजवू अने लहीए तथा ए शब्द पण रद करवा योग्य जे. जदये पड़ी हास्यादि जोडी देवु अने वली तेमज बेसी पंक्तिमा ए ७ ने उदये पड़ी मिथ्यात्व लहीए तेवारे एटदुं पण बाद करवा योग्य बे; अने तेना मा पारिग्राफा सातमी पंक्तिमां अनंतानुबंधीना उदय रहित सास्वादनपणुं न घटे तेमांथी न शब्द काढी नाखवा योग्य बे. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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