Book Title: Pradyumna Charitra
Author(s): Somkirtisuriji, Babu Buddhmalji Patni, Nathuram Premi
Publisher: Bharat Varshiya Anekant Vidwat Parishad

View full book text
Previous | Next

Page 305
________________ प्रथम्न २६८ बांट दी । २३-२५। अबकी बार विस्मित हुई सत्यभामाने सुन्दर सुगन्धित तथा दुर्लभ फल भेजा और कहा कि यदि वह इस फलको जीत सकेगा, तो मैं चार करोड़ मुहरें दूंगी । २६-२८ । कुमारने प्रद्युम्नकुमार की सहायता से इस फलको भी जल्द ही जीत लिया और चार करोड़ स्वर्णमुद्रा उसी समय लोगों को बांट दीं । २८ । सत्यभामाने आश्चर्ययुक्त होकर फिर दो वस्त्र भेजे और इनके जीतने पर आठ करोड़ मुहरें दूंगी, ऐसा वचन दिया । २६ | शंकुकुमारने कामकुमार के मुहकी ओर देखा, तब उन्होंने भी दो सुन्दर वस्त्र दिये, जिनके तंतु सुवर्णके थे और जो अग्निकुण्डमें डाले जा चुके थे। इनसे सत्यभामा के वस्त्र जीत लिये गये | ३०-३१। इस बाजीमें सत्यभामासे आठ करोड़ स्वर्ण मुद्रायें (मुहरें ) मिलीं, वे भीकुमारने लोगों को बांट दीं । ३२ | सत्यभामाने इसके पीछे एक हार भेजा और सोलह करोड़ मुहरें देना कहीं । सो कामकुमारके प्रसादसे एक दूसरे हारसे कुमारने उसे भी जीत लिया |३३| तदनन्तर सत्यभामा ने बत्तीस करोड़ मुहरों के साथ दो कुण्डल भेजे । सो कुमारने उन्हें भी जीत लिये। और जो धन मिला, उसका दान कर दिया । ३४-३५। कुण्डलोंके जीते जानेपर सत्यभामाने सभामें एक कौस्तुभमणि भेजा और उसके साथ ही चौसठ करोड़ मुहरें भी पहुँचा दीं । कामकुमारके बुद्धिबल से उन्होंने वह बाजी भी जीती और धन मिला, उसे भी कीर्तिकी इच्छा से लोगों में वितरण कर दिया । ३६३७| इस उदारता से शम्बुकुमार सब लोगोंको प्यारा होगया । भला इस जगतमें दाता किसको प्यारा नहीं होता है ? सभी को होता है । ३८ | कौस्तुभके पश्चात् सत्यभामा ने सभामें एक सुन्दर घोड़ा दूने धनके साथ - अर्थात् १२८ करोड़ मुहरोंके साथ सबकी साक्षीसे भेजा | ३६ | यह देखकर प्रद्युम्न कुमार अपनी विद्या के बलसे एक सम्पूर्ण सुन्दर लक्षणोंसे युक्त मनोहर घोड़ा ले आये । सो इस घोड़े से सत्यभामाका घोड़ा जीत लिया गया, और उसका सारा धन शम्बुकुमार को दिया गया ।४०-४१ | इसके अनन्तर सत्यभामाने अपना दूत भेजकर सभा में बैठे हुए प्रद्युम्न कुमारसे कहलाया कि, अब शम्बुकुमारको मेरी I For Private & Personal Use Only Jain Education International चरित्र www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 303 304 305 306 307 308 309 310 311 312 313 314 315 316 317 318 319 320 321 322 323 324 325 326 327 328 329 330 331 332 333 334 335 336 337 338 339 340 341 342 343 344 345 346 347 348 349 350 351 352 353 354 355 356 357 358