Book Title: Pantrish Bolnno Thokdo Author(s): Shravak Bhimsinh Manek Publisher: Shravak Bhimsinh Manek View full book textPage 6
________________ (४) ते मिथ्यात्व,असाधुने साधु करी सदहे ते मिथ्यात्व, संवरनाव सेवनरूप मोक्षमार्ग, तेने उन्मार्ग करी सदहे ते मिथ्यात्व, विषयादि सेवनरूप उन्मार्ग, तेने मोक्षमार्ग करी सहहे ते मिथ्यात्व, वायरा आदिक रूपी पदार्थने अरूपी करी सदहे ते मिथ्यात्व, मोक्षादिक अरूपी पदार्थने रूपी करी सद्दहे ते मिथ्यात्व. ए दश प्रकारनां मिथ्यात्व जाणवां॥ १४ चौदमे बोले नव तत्त्वना जाणपणा विषे एकसो ने पन्नर बोल धारवा, ते कहे बे.. प्रथम जीवतत्वना चौद बोल कहे जे. एक सूक्ष्म एकेजिय, बीजा बादर एकेंजिय, त्रीजाबेंजिय, चोथा तेंजिय, पांचमा चौरिंजिय, बहा असन्नीपंचेंजिय अने सातमा सन्नीपंचेंजिय, ए सात जातिना जीव बे, तेने एक पर्याप्ता अने बीजा अपर्याप्ता, एम बे बेनेदे करतां चौद नेद जीवना थाय दे॥ ॥बीजा अजीवतत्वना चौद बोल कहे . धर्मास्तिकायनो खंध, देश अने प्रदेश, ए त्रण नेद तथा अधर्मास्तिकायनो खंध, देश भने प्रदेश, ए त्रण नेद तथा आकाशास्तिकायनो खंध, देश अने प्रदेश; ए त्रण नेद अने काल अव्यनो एकज नेद. Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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