Book Title: Pantrish Bolnno Thokdo
Author(s): Shravak Bhimsinh Manek
Publisher: Shravak Bhimsinh Manek

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Page 19
________________ (१७) ॥ हवे त्रण करण अने एक योगथी त्रण जांगा थाय, ते कहे . १ करूं नहीं, करावं नहीं, अनुमोई नहीं, मने करी.२ करूं नहीं, करावु नहीं, अनुमोठं नहीं, वचने करी.३ करुनहीं, कराएँ नहीं, अनुमोठं नहीं, कायाए करी॥ ॥ हवे त्रण करण अने बे योगथी त्रण नांगा थाय, ते कहे . १ करुं नहीं, करा, नहीं, अनुमोडं नहीं, मने करी, वचने करी.२ करुं नहीं, करावुनहीं, अनुमोठं नहीं, मने करी, कायाए करी. ३ करूं नहीं, करावुनहीं,अनुमोठं नहीं,वचने करी, कायाए करी॥ ॥ हवे त्रण करण अने त्रण योगश्री एक नांगो थाय, ते कहे . १ मने करी, वचने करी, कायाए करी करूं नहीं, करा, नहीं अने अनुमोउं नहीं ॥ ॥सरवाले एक करण ने एक योगथी नव,एक करण ने बे योगथी नव,एक करण नेत्रण योगथी त्रण,तथा बे करण ने एक योगथी नव, बे करण ने बे योगथी नव, बे करण नेत्रण योगथी त्रण तथा त्रण करण ने एक योगथी त्रण, त्रण करण ने बे योगथी त्रण अने त्रण करण नेत्रण योगथी एक, एवं ४ए नांगा थया । - २५ पचीशमे बोले पांच चारित्रनां नाम कहे . Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org

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