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अजयकुमारनो रास-बुझिके गुणोकी चमत्कारी रीते कृतीवाले एक मोटे राज्यके महामंत्रीकी कथा हे.
०-५-० हरिश्चंड राजा अने तारामती राणीनो रास-सत्य वचन माहात्म्यरूप.
०-५-० मंगलकलश कुमारनो रास-पुण्यफल माहात्म्यरूप ए विवेकी पुरुषy चरित्र. ___०-५-० __ शत्रुजय तीर्थमाला, रास, नकारादिकनो संग्रह ग्रंथ-श्रा पुस्तक समस्त जैनी जानने कार्तिक तथा चैत्री प्रर्णिमादिक दिवसोमां तथा श्री शत्रंजय यात्रा जती वखत अवश्य पासे राखवा योग्य तथा शत्रुजयना पटमंडप आगल वांचवा माटे बे. ०-५-०
रत्नचूम व्यवहारीश्रानो रास-संसारसमुश्री मुक्त थवाना दृष्टांतरूप तथा सामान्य प्रकारे उत्पतिक्यादि बुद्धि प्रमुखy रूप दर्शावनारो ग्रंथ. -४
परदेशी राजानो रास-परनवादिक नहीं मान. नारा नास्तिक जनोने पीयूष सम उपदेशरूप तथा देवव्यना उपनोगथी थती हानि तथा वृदोश्री थता शुनाशुन फल तथा निदानु खावाथी थता अवगुणो विषेनां दृष्टांतो.
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