Book Title: Pantrish Bolnno Thokdo
Author(s): Shravak Bhimsinh Manek
Publisher: Shravak Bhimsinh Manek

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Page 33
________________ (३१) १६७ घणा माणसो साथे विरोध न करवो. १६० जला पामोशीनी पासे रहेg. १६ए पोतानो धर्म मूकवो नहीं. १७० पोताना श्राश्रये रह्यो होय तेनु हित करवू, १७१ खोटा लेख लखवा नहीं. १७२ देव गुरुने विषे नक्ति राखवी. १७३ दीन अने अतिथिनी बनती सेवा करवी. १७४ जे लाग्यमां दशे ते मलशे एवो नरोसो रा___खीने उद्यम मूकी थापवो नहीं. १७५ चोरीनी वस्तु खेवी नहीं. १७६ सारी नरसी वस्तु नेली करी वेचवी नहीं. १७७ श्रापदानुं वर्जन करवा राजानो श्राश्रय खेवो. २७७ तपस्वीने, कविने, वैद्यने, मर्मना जाणने, रसोई करनारने, मंत्रवादीने अने पोताना पूजनीयने, एटलाने कोपाववा नहीं. १७ए नीचनी सेवा आचरवी नहीं. १७० विश्वासघात करवो नहीं. १७१ सर्व वस्तुनो नाश यतो होय तोपण पोतानी वाचा अवश्य पालवी. र धर्मशास्त्रना जाण पासे बेस. Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org

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