Book Title: Pantrish Bolnno Thokdo
Author(s): Shravak Bhimsinh Manek
Publisher: Shravak Bhimsinh Manek

View full book text
Previous | Next

Page 9
________________ तप, G विनय तप, ए वैयोवृत्य तप, १० सजाय तप, ११ ध्यान तप, १५ कायोत्सर्ग तप, एवं बार ॥ ॥बंधतत्त्वना चार नेद कहे . प्रकृतिबंध, स्थितिबंध, अनुनागबंध अने प्रदेशबंध, एवं चार थया॥ ॥मोदतत्त्वना चार नेद कहे जे. एक ज्ञान, बीजुं दर्शन, त्रीजुं चारित्र अने चोथु तप. ए नव सत्वना जाणपणा आश्रयी एकलो ने पन्नर बोल कह्मा ॥ . १५ पन्नरमे बोले अव्यात्मा, कषायात्मा, योगात्मा, उपयोगात्मा, ज्ञानात्मा, दर्शनात्मा, चारित्रात्मा अने वीर्यात्मा, ए आठ प्रकारना आत्मा कह्या ॥ १६ सोलमे बोले १ असुरकुमार, ५ नागकुमार, ३ सुवर्णकुमार, विद्युत्कुमार, अग्निकुमार,६छीपकुमार, ७ दिशाकुमार, ७ उदधिकुमार, ए स्तनित. कुमार, १० वायुकुमार, ए दश जुवनपतिनां दश दमक तथा सात नारकीर्नु एकदमक, तथा पृथ्वीकाय, अपूकाय, तेउकाय, वायुकाय अने वनस्पतिकाय, ए पांच स्थावरनां पांच दमक, तथा बैंख्यि, तेंजिय श्रने चौरिंजिय ए त्रण विकलेंजियनां त्रण दरक,एवं उंगणीश थयां अने वीशमुं तिर्यंच पंचेंजिगर्नु, एकवीशमुं मनुष्य, बावीशमुं व्यंतरिक देवोर्नु, Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36