Book Title: Nyayamanjari Part 01
Author(s): K S Vardacharya
Publisher: Oriental Research Institute

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Page 744
________________ न्यायमञ्जरी ग्रन्थसूची 251 अद्वैतसिद्धिः 251 न्यायभाष्यं 20, 30, 234,274, भामरः 324, 598, 604, 605, 334, 351, 359, 612, 638 382, 534 ऋजुविमला ___ 118 | न्यायरत्नाकरः 251, 266, 259, कन्दली 266, 276, 294, 362, 337, 385, 406, 478,568 529, 531, 561 काणादसूत्रं ___Go ! न्यायवार्तिकं 139, 231, 309, काशिका . 376, 534 कुसुमाञ्जलिः 107 प्रकरणपञ्चिका 94, 166, 351,864 गोपथब्राह्मणं प्रपञ्चहृदयं 506 गौतमत्रं 12, 31, 171, 282, | प्रमाणवार्तिकं 61, 62, 16, 152, 373, 396, 569, | 296,299, 403 609,652 प्रमाणसमुच्चयः 259, 377, 401 चण्डमारुतं 252 | प्रशस्तपादभाष्यं 60,274 तन्त्रवार्तिकं बृहती . 118, 116, 351 तभाषा 152 बृहदारण्यकवार्तिकं 251 तत्वार्थवार्तिक बोधिचर्यावतारः . . 64 तात्पर्यटीका 13, 376 | ब्रह्मसिद्धिः 251 तात्पर्यटीका(मीमांसा) 251 | भादीपिका 392 न्यायबिन्दुः 150, 151, 235, | महाभाष्यं 21,516 236,257, 284, | महाभाष्यप्रदीपः 21,516 285, 300, 305 | युक्तिदीपिका | 259 न्यायविन्दुटीका 61, 257 | वाक्यपदीयं 251 634 450

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