Book Title: Nyayamanjari Part 01
Author(s): K S Vardacharya
Publisher: Oriental Research Institute

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Page 754
________________ 18 674 प्रसिद्धसाधादुपमान 383 | बर्हिषि रजतं न देयं प्रतितिष्ठन्ति ह वै 673, 676, 678 | बहिर्देशविशिष्टेऽर्थे 97 प्रतिबद्धतया बोद्धं 69 | बाले तव मुखाम्भोजे 516 प्रतिमन्वन्तरं चैषा 582 | बिभेत्यल्पश्रुताद्वेदः 634 प्रतिविषयाध्यवसाय: 281 बुद्धिकर्मणी अपि 352, 526, 539 प्रत्यक्षं कल्पनापोढं 235, 259 | बुद्धिजन्म प्रत्यक्ष 545 प्रत्यक्षत्वमदोहेतु: 264 | बुद्धिरुपलब्धिः 397 प्रत्यक्षदृष्टसम्बन्ध: 353 बृहद्वा साम रथन्तरं 633 प्रत्यक्षमेकं चार्वाका: 94 ब्रवीत्यारण्यको वाक्यं 375 प्रत्यक्षादिमिरनिरा 285 ब्रह्मवर्चसकामस्य 656 प्रत्यक्षादेरनुत्पत्ति: 113 ब्रह्म वा इदमने 626 प्रत्यक्षादेश्च षट्कस्य . .94 | ब्रह्मवादिनो वदन्ति 623 प्रत्यक्षानुमान 31, 71 प्रत्यक्षेणाप्रत्यक्ष 381 प्रत्यक्षेणावबुद्धेऽपि 387 भवदासेन हि सतः 260 प्रत्यक्षो गवयस्तावत् 376 | भवेदिदानी लोकस्य 271 प्रमाणत्वाप्रमाणत्वे . 420 भिद्यते नानुमानतः 106 मागूर्ध्वमुच्चारणात् .. 569 भिन्नकालं कथं ग्राह्य 158 माग्भागो यः सुराष्ट्राणां - 372 भूयोदर्शनगम्या 358 प्राजापत्यं तूपरं 674 भूयोऽवयवसामान्य 385 मायशश्वानया 105 भूसत्तायां पार्थ्यते तावतेवैकं 484 भृग्वाङ्गिरोविदा 627 भेदेभ्योऽनन्यरूपेण भ्रमणरेचन 544 फलति यदि न 651, 662 | भ्रान्तेरनुभवाद्वाऽपि 630, 645 फलमात्रेयो निर्दे फलांशे भावनाया 701 मणिप्रदीपप्रभयोः 62 मधु पश्यसि दुर्बुद्धे 215 बबरः प्रावाहणिः 582 | मन्त्रायुर्वेदप्रामाण्य 609, 616 बर्हिदेवसदनं दामि 681 | मम त्वदृष्टिमात्रेण 121, 320 52 255 677 म

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