Book Title: Navkar ke Chamatkar Diwakar Chitrakatha 003
Author(s): Vishalmuni, Shreechand Surana
Publisher: Diwakar Prakashan

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Page 2
________________ णमोकार मंत्र के चमत्कार णमोकार मंत्र अनादि सिद्ध मंत्र है। श्रद्धापूर्वक स्मरण और ध्यान करने से इसका तुरन्त फल मिलता है। नित्य जीवन में हजारों लोगों का अनुभव है कि णमोकार मंत्र के पाठ से उनका असाध्य रोग मिट गया। आती हुई विपत्ति टल गई। घर में भूत-प्रेत का उपद्रव था, नवकार पाठ से शान्ति हो गई । व्यापार में वृद्धि होने लगी। नौकरी में उन्नति मिल गई। मनोकामनाएँ पूर्ण हो गईं। अनेक प्रकार के भौतिक लाभों के सिवाय, णमोकार महामंत्र का आध्यात्मिक लाभ तो अचिन्त्य है। श्रद्धा भावपूर्वक जपने से मन को शान्ति मिलती है। आत्मा में प्रसन्नता और निर्मलता आती है । अन्तिम समय णमोकार ध्यान में लीन हो, प्राण त्यागने I से परलोक में सद्गति की प्राप्ति होती है। इसलिए इसके आराधक और मंत्र रहस्य के जानकार आचार्यों ने इसे सर्व सिद्धिदायक महामंत्र बताया है। जैन शास्त्रों में णमोकार मंत्र का महत्त्व और उसके फल बताने वाली सैंकड़ों चमत्कारी कथाएँ मिलती हैं। इस पुस्तक में हमने सिर्फ तीन ही घटनाएँ ली हैं। दो प्राचीन और एक अनुभव सिद्ध बीती हुई। इनके विषय में अधिक कुछ नहीं कह कर पाठकों से यही कहना चाहते हैं कि वे श्रद्धा भावपूर्वक णमोकार मंत्र का पाठ कर जीवन में स्वयं चमत्कार अनुभव करें। गहरी निष्ठा, तन्मयता, नियमित पाठ और विधिपूर्वक साधना करने वाला एक नहीं, अनेकों चमत्कार अनुभव करता है। Serving Jinshasan. -महोपाध्याय विनय सागर सम्पादक : श्रीचन्द सुराना "सरस' 070320 gyanmandir@kobatirth.org लेखक : उपाध्याय डा. विशाल मुनि प्रकाशन प्रबंधक : संजय सुराना Jain Education International प्रकाशक -श्रीचन्द सुराना 'सरस' श्री दिवाकर प्रकाशन ए-7, अवागढ़ हाउस, अंजना सिनेमा के सामने, एम. जी. रोड, आगरा-282002. फोन : (0562) 2151165 प्राकृत भारती एकादमी, जयपुर 13-ए, मेन मालवीय नगर, जयपुर-302017. दूरभाष : 2524828, 2524827 अध्यक्ष, श्री नाकोड़ा पार्श्वनाथ तीर्थ, मेवानगर (राज.) For Private & Personal Use Only चित्रांकन : डा. त्रिलोक शर्मा www.jainelibrary.org

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