Book Title: Navkar Mahamantra Author(s): Pratap J Tolia Publisher: Jina Bharati View full book textPage 5
________________ FOGGED À SO500000sa समर्पण प.पू. प्रज्ञापुरूष, सिद्धपुत्र स्वामीजी श्री ऋषभदासजी के चरणों में समर्पण के दो शब्द .... अद्भुत व्यक्तित्व के धनी, प्रज्ञापुरुष, सिद्धपुत्र स्वामी श्री ऋषभदासजजी जिन्होंने हमारे श्री जिनदत्तसूरि जैन मंडल एवं अनेकों भव्य आत्माओं को जैन जगत् के अनमोल मार्ग पर आगे बढ़ने के लिए प्रशस्त किया। हमारे मंडल को तत्वज्ञान, जीवविचार व रत्नत्रय की सुन्दर आराधना करते हुए जीवन में आगे बढ़ने का सदुपदेश दिया। जिन्होंने केशरवाड़ी तीर्थ के जीर्णोद्धार का प्रथम बीज बोया जो आज वट वृक्ष की तरह फैल रहा है। आज स्वामीजी के बोये हुए पुण्यदायी बीजों का फल ही यह श्री जिनदत्तसूरि जैन मंडल है। इस साहित्य प्रकाशन के अनमोल अवसर पर यह छोटा सा पुष्प स्वामीजी के श्री चरणों समर्पित करते है। अर्थ सहयोग परम पूज्य प्रवर्तिनी श्री विचक्षणश्रीजी महाराज द्वारा संस्थापित श्री जिनदत्तसूरि जैन मंडल के श्री धर्मनाथ मंदिर, चेन्नई के ज्ञान खाता के द्रव्य में से श्री धर्मनाथ जैन मंदिर के संपूर्ण जीर्णोद्धार एवं नूतन जिन बिम्बों की अंजनशलाका प्रतिष्ठा के निमित्त । see iii * JASOJOJ. 000 cececePage Navigation
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