Book Title: Nagri Pracharini Patrika Part 13
Author(s): Gaurishankar Hirashankar Oza
Publisher: Nagri Pracharini Sabha

View full book text
Previous | Next

Page 98
________________ ४८४ नागरीप्रचारिणी पत्रिका भनै कवि 'मान' तेजपुंज मुंज मेखला को कोपीन तर्ज बर्ज ब्रह्मचर्य उतकट को । अरि-दल-मेटन को सुजस-समेटन को ___बंधी लखि फेट रहै निर्भय निपट को। लपटो निपट जामें पुरट को पीत पट, बंदी कटि बिकट प्रकट मरकट को॥४०॥ लंगर सूलधर-सूल कै ससूल समतूल द्रोन सूल-उनमूल मूल मंगल अनंत को । मेरु-सम थूल बल-बिक्रम अतूल, परै लंकपुर हूल फूल-फल कर संत को । सिया दुख भूल मुख रावन के धूल रिपु रूल रोष भूल जै कबूल भगवंत को । खल-प्रतिकूल हरिभक्त अनुकूल बंदी सिंधुकूल फूलन लंगूर हनुमंत को॥४१॥ राखै निज कुक्षि ब्यापि ब्रह्म लौ अतुक्ष कपि रिक्ष-दल सुत जो है कुक्ष कुलवंत को। सुखद बुभुक्ष हेतु उक्ष तर भुक्ष केतु कंटक मुमुक्ष नाम दुक्ष रज पंत को ॥ भने कबि 'मान' महा गरभ को गुत पेखि पंचसत दुक्ष पूज्यो गुक्ष बलवंत को । उक्षपति उक्ष लौं रिपुक्षय को रुक्ष घमसान मुख मुक्ष बंद पुक्ष हनुमंत को॥४२॥ खल-दल-खंडन बिजै को धुज-दंड, कै कराल कालदंड कालनेमि के निपात को। लंक-दाह-देन धूमकेतु को निकेतु, कै Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com

Loading...

Page Navigation
1 ... 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118