Book Title: Mantra Yantra aur Tantra
Author(s): Prarthanasagar
Publisher: Prarthanasagar Foundation

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Page 61
________________ मंत्र अधिकार मंत्र यंत्र और तंत्र मुनि प्रार्थना सागर की वृद्धि के लिए घी, तिल, उड़द, सरसों, धान्य, बांस के बीज, गेहूँ, मूंग आदि से हवन किया जाता है। शान्ति, पौष्टिक, वशीकरण तथा आकर्षण आदि शुभ कर्मों के लिए उत्तम द्रव्यों से प्रसन्न चित्त होकर हवन करें एवं मारण, उच्चाटन, विद्वेषण, और स्तंम्भन में अशुद्ध द्रव्यों से क्रोध सहित होम किया जाता है । पलाश के होम से यक्षिणी वश और आम व घी से विद्याधर वश में होता है। यदि वह न मिले तो दूध वाले वृक्ष (पीपल आदि) की सूखी लकड़ी बिना कीड़ों वाली होनी चाहिए। होम में दूध, घी तथा अष्टांग धूप आदि द्रव्य लेना चाहिए। अशुभ कार्य ( मारणादि) में बिना कीड़ों वाली अशुभ द्रव्य व शुभ कार्य (शांति आदि) में उत्तम सामग्री और प्रसन्न चित्त से कार्य होते हैं । पहले जल चन्दनादि अष्टद्रव्यों से मन्त्र जपते हुए अग्नि की पूजा करें, फिर दूध, घी, गुड़ सहित एक लकड़ी को होम कुण्ड में रखें। फिर अनि स्थापित कर पहले घी की आहुतियाँ स्तोत्र श्लोक पढ़ते हुए दें। पीछे लकड़ियों को रखकर आहुति द्रव्य को मिलाकर जाप का मंत्र बोलते हुए आहुतियाँ देवें । हवन को पांच कलश की स्थापना करके करना चाहिए। जिसने भी सम्पूर्ण विधि से अच्छी तरह से एक मन्त्र भी सिद्ध कर लिया, तो फिर उसे थोड़े ही समय में दूसरे मंत्र भी सिद्ध हो सकते हैं । होम द्रव्य - होम करने के लिए एक सेर दूध, एक सेर घी और अष्टांग धूपादि से मिला हुआ द्रव्य लेवें । नोट- होम के समय मंत्र के अन्त में स्वाहा लगा लेवें । तथा मंत्र जाप की संख्या के दशांश से हवन करें। 45. द्रव्य (सामग्री) शुद्धि:- हाथ में जल लेकर मंत्रित करके सर्व पूजा की सामग्री पर छिड़कें अर्थात् शुद्धि करें। मंत्र - ॐ ह्रीं अर्हं झोंझों वं मं हं सं तं पं इवीं क्ष्वीं हं सः असि आ उ सा समस्त तीर्थ जलेन शुद्ध पात्रे निक्षिप्य पूजाद्रव्याणि शोधयामि स्वाहा । कार्य सिद्धि के लिए आसन और वस्त्र का विधान वशीकरण का मंत्र :- वशीकरण मंत्र सिद्ध करने के लिए माला, आसन एवं सभी वस्त्र पीले होना चाहिए । आकर्षण मंत्र :- आकर्षण के लिए मंत्र साधना करते समय माला, आसन व सभी वस्त्र हरे रंग के होना चाहिए। मोहित मंत्र - मोहित करने के लिए माला, आसन एवं वस्त्र लाल रंग के उपयोग करना चाहिए। शान्ति पौष्टिक मंत्र :- शान्ति और धन लाभ के लिए माला, आसन और वस्त्र सफेद रंग के होना चाहिए । मारण- उच्चाटन - विद्वेषण आदि में काले वस्त्र, माला और आसन का उपयोग होता है । 61

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