Book Title: Mantra Adhikar
Author(s): Prarthanasagar
Publisher: Prarthanasagar Foundation

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Page 6
________________ मंत्र अधिकार मंत्र यंत्र और तंत्र मुनि प्रार्थना सागर विधि- मंत्र को अष्टमी अथवा चतुर्दशी को उपवास करके १०८ बार जपने से यह मंत्र सिद्ध हो जाता है और यह मंत्र सर्व कार्य के लिये काम देता है। (9) सर्वकार्य सिद्धिमंत्र : ॐ पुरुषकाये अधोराये प्रवेग तो जाय लहु कुरु कुरु स्वाहा। विधि- २१ बार सरसों मंत्रित करके सिर पर धारण करें तो सर्वकार्य सिद्ध होते हैं। (10) सर्वकार्य सिद्धि मंत्र : ॐ णमो अरहंताणं ॐ णमो सिद्धाणं ॐ णमो आयरियाणं ॐ णमो उवज्झायाणं ॐ णमो लोए सव्व साहूणं ॐ ऐसो पंच णमोकारो ॐ सव्वपावप्पणासणो ॐ मंगलाणं च सव्वेसिं पढमं हवइ मंगलं स्वाहा। विधि- यह सर्व मंत्रों का सार है, सर्वकार्य सिद्ध करने वाला है (11) सर्व कार्य सिद्धि मंत्र- ॐ ह्रीं अ सि आ उ सा नमः । विधि- मन, वचन और काय की शुद्धि पूर्वक त्रिकाल (प्रातः, सायं और मध्याह्न काल) मे जाप करें तो अवश्य ही लाभ हो। यदि सवा लाख जाप करें तो अति उत्तम है। (12) सर्वकार्य सिद्धिमंत्र : ऊँ ह्रीं क्लीं श्रीं अहँ श्री वृषभनाथ तीर्थंकराय नमः। विधि- मंत्र की विधि पूर्वक सवा लाख जाप करें। (13) सर्वकार्य साधक मंत्र : ऊँ ह्रीं श्रीं क्लीं नमः स्वाहा। विधि- मंत्र की विधि पूर्वक सवा लाख जाप करें। (14) सर्व मनोकामना पूर्ण मंत्र - ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं ब्लू णमो लोए सव्व साहूणं । विधि- शुभ मुहूर्त में १२५०० जाप करें तो मन वांछित कार्य पूर्ण हों, सर्व कामनाओं की पूर्ति होय। (15) सर्व कार्य सिद्धि एवं पुत्र प्राप्ति मंत्र- ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं असि आ उ सा चुलु-चुलु हुलु-हुलु कुलु-कुलु मुलु-मुलु इच्छियं मे कुरु कुरु स्वाहा। विधि- यह त्रिभुवन स्वामिनी विद्या बहुत प्रभावशाली है। इसके आगे धूप जलाकर २४ हजार चमेली के फूलों पर जपें तो पुत्र प्राप्ति हो, वंश चले, धन, स्त्री-पुत्र मकान की प्राप्ति होय। (16) सर्व कार्य साधक मंत्र- ॐ ऐं ह्रीं श्रीं क्लीं क्लौं क्लौं ब्लूं नमः । विधि- इस मंत्र का त्रिकाल जप करें तो सर्व कार्य सिद्ध होते हैं। (17) सर्व कामना पूरण मंत्र- ॐ ह्रीं श्रीं अहँ अ सि आ उ सा नमः। विधि- इसकी प्रतिदिन एक माला फेरने से कल्पवृक्ष के समान यह मनुष्य की सर्वकामनाएँ पूरी करता है। (18) सर्वकामना-पूरण-अहँ मंत्र- ॐ ह्रीं अहँ नमः । 98

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