Book Title: Manishiyo Ki Drushti Me Dr Bharilla
Author(s): Ravsaheb Balasaheb Nardekar
Publisher: P T S Prakashan Samstha

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Page 5
________________ प्रकाशकीय पश्चिम महाराष्ट्र के सांगली-कोल्हापुर जिले में तथा कर्नाटक के बेलगाँव बीजापुर जिले में भी डॉ. हुकमचन्दजी भारिल्ल के विशेष उपकार से अनेक शास्त्री विद्वान तैयार हो गये हैं। जहाँ इस विभाग में एक भी शास्त्री विद्वान् नहीं था, अब यहाँ 65 से अधिक शास्त्री विद्वान उपलब्ध हैं। ___इन विद्वानों का लाभ समाज को तो मिल ही रहा है, मुझे भी मिल रहा है। इस क्रांतिकारी कार्य से हम लोग विशेष प्रभावित हैं। डॉ. भारिल्ल के इस कार्य के प्रशंसक एवं प्रेरणा देनेवाले सन्तों तथा विद्वानों का भी मेरे हृदय में अत्यन्त बहुमान है। परमपूज्य आचार्य एवं मुनिराजों के डॉ. भारिल्ल के संबंध में जो विचार एवं सद्भावनाएँ हैं, यदि उनका पता समाज को लगे तो धर्मप्रभावना/धर्मप्रचार में चार चांद लग सकते हैं। ___ इस पवित्र भावना से ही श्री टोडरमल स्मारक ट्रस्ट जयपुर द्वारा आयोजित श्री आदिनाथ पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव के शुभ अवसर पर हम इस छोटी-सी कृति का प्रकाशन कर रहे हैं। ___ मुझे विश्वास है - इस कृति का प्रभाव समाज पर अनुकूल ही रहेगा, इस भावना के साथ विराम लेती हूँ। - सौ. इन्दूमती अण्णासाहेब खेमलापुरे अध्यक्षा - प.ता.शे. प्रकाशन संस्था, घटप्रभा, बेलगाँव (कर्नाटक)

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