Book Title: Mahavira Vani
Author(s): Bechardas Doshi
Publisher: Bharat Jain Mahamandal

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Page 10
________________ TAVA WASESAMAAVATAVANIAMAVASAVAVAVAYASAN VIDIOXIDY9 AR A संपादकीय - - "महावीरवाणी'नी आ जातनी आ श्रीजी आवृत्ति गणाय. प्रथम आवृत्ति २००० नकल दिल्लीसस्तासाहित्य मंडल द्वारा प्रकाशित थयेली. पछी मूळगाथा विनानो केवळ हिन्दी अनुवाद (१००० नकल) भाई श्रीचिरंजीलालजी बडजातेप पोतानां मातुश्रीना स्मरणमां वर्धाथी छपावेलो. भाईश्री चिरंजीलालजी बडजाते सद्गत श्री. जमनालालजी बजाजना विशेष संपर्कमा आवेला जैनधर्मपरायण एक सजन भाई छे. वर्धामा रहे छे अने यथाशक्ति जनसेवामां तत्परता बतावी रह्या छे. महावीरवाणी द्वारा मारो एमनी साथे स्नेहयुक्त मधुर गाढ परिचय थई गयो छे. मूळ अने हिन्दी अनुवादवाळु आ प्रस्तुत प्रकाशन तेमणे पोतानां मातुश्रीना स्मरणमा प्रकाशित करवा सारु मारे तत्परता दाखवी छे. ते अर्थ तेमनुं अहीं नामस्मरण सविशेष उचित छे. आ भाई भारत जैन महामंडळना सविशेष कार्यकर छे. [७] Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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