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८ यादों के साथ साथ
अचलाच्छाधिपति शीघ्रकघि प. पू. आ. भ. श्री गुणसागरसूरीश्वरजी महाराज विरचित प्रथम चोवीशी सहित ७७ भाववाही रतवनी का मग्रह । त्वमेवारण मम
पुस्प न. 1-2-3-4 का अनोट सग्रह । १० त्वमेव शरण मम-प्रथम पुष्प
मुग्ग्य 450 रतुतिओ. का मग्रह । ११ त्वमेव शरण मम-द्वितीय पुष्प
चित्ताकर्षक 90 चैत्यवंदना का मग्रह । १२ त्वमेव शरण मम-तृतीय पुष्प
शुभ भाववाही 200 स्तवनो का संग्रह । १३ स्त्रमेव गरण मम - चतुर्थ पुष्प
सुमधुर 132 रतुतियुगलोंका संग्रह । १४ प्रतिक्रमण पापनाशन'
पंच प्रतिक्रमण मूल सूत्र - सक्षित भावाथ व विधियाँ । १५ शोर्ट कट साधना
घंटे घटे के चोविहार की नोपोधी ।
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