________________
चतुर्दशेमंत्र विख्यात चित्रसंत्तनाजे मित्रयाबिज नारोवालियाते मूर्तित मास मानी अनुकंपा करी स क्तयांध्या काल करिदेव लोके वस्त्रातिसंधको चिविकृतप्रतिष्टतनयरेव्यवहारी याना पुत्र या तेनें तिलें नगरवसतां प्यार बालक मित्र ज्यातिव्यवहारियानापुत्र तिमित्रसंसार ना सुब्लो गदा यवैदिष्पाली की
- कालवा स्त्रियाली असलेइ सोमदेवलोके नलिनी गुल्म विमान चिऊंपल्योयमनें चाक देवनाथ या तिसंग्थकर्ति बंगो वाली यानाजी वाली (बीजाच्यारिकरुदेशनें दिखें। कारनामेराजा ऊर्जा (जू रायनेंस कमलावतीलीय ऐंठन | अनैत्री जुजीवते हिजरायने सस्पेनां परोहित (अनचोड रु जयरोहितनी जसनामैनार्याऊ (दिवैएकदा तेथ रोहित अनैस्त्रीने संतान ना च्यति हिच्यारथ अपनी तिना अनेक बार देवस्थान के पूजा लोगमान निमत्रियाने मुळे तिहरे ने बेअंगोराली यानाजीव मित्र देवताज्ञांनबलिमेविदेश है तेरो दितेश्रावक धर्मवन्य वलिष्ट पूबै सगवन्म्हारे संतानस्यै किंनहालतौ मादा लायक है । तम्हारे पुत्रस्यै चितेनानाथ का दिव्या जे ते हे अंतराय मकरस्य तिघ्रा लोकनेता र स्पैम दिता गंमत्ता | केस लेव दिवसैते देवताचव्याते वाम्हणनी क बेजोड अपना तितलेंयरोदितनगर की नीस सौ एक नानेगांममैवस्था तिहां पूरे दिवसें बेबेटाप्रस व्याजालीयोए रखेदीका लेखे । इम चिंतने मायबापवादाव्या वब ए मा एमा बालकुनें प्रारें र फेदूकड जावे माहात्मानौ व सास न कर दो। महतिबालक विदादिमुं क्या एक दाप्रस्तावैति बाल के गामबाहिर कटे महात्मा आवतादेषा |नी स्तावासी एके बी जुडेचा जवतव्य नावसथकतिमा हायातेहिजवृनो चेंज उतस्त्रायल एक पांदूर ही आवक मी (पञ्चखालमारी जात यांला वावर वा बैग ते बाल चढ्य जो तो एनालयांनी वावरें | पिलप्राय बाय कहताजे मांस माइं ततो न देवें । ते बालक चिंतनाला हव सूतांपों कि होइक दी है। आय करत जाती सारणउपनी वैयाबिलौ प्रतियो श्यांप्या मात्मावां रामायु बायनें बुरे (देवानदिनाल पुरानी के यादमालवासी पुरेपुराले उसयार णामे/खांस मिक्सर लोग रमे । के पिजी बापू की वे एक विमानवासी नोदेवा न्त्रत्वाच्युत्वाऽषुक