Book Title: Lokashaha ki Hundi
Author(s): 
Publisher: ZZZ Unknown

View full book text
Previous | Next

Page 386
________________ सवल कर सवलंयरिणपाल युगलानराशेमलिवानोरकमान २० संस्कानन्याकारयपश्लिम्या माविषकारहअतिशयस्यु परिकल्चूही लसम्यकक्षकारकएलाथ ज ह करानात ते के अकारवाटंजा जरासयरिल्याएएगिलासमुदाहियावालदरिलयाचववकिनियावरिला Fाकूने त्रिसूलासीछकामाकरिवनाधिहानिकालाकानिदोस्तजिवामुगअनंऽल्तहजीवलीनजि संस्थानथा माकरेलाबउरेसनमाकारमावतारसरमायुजल +जवानदाएपरसयकालजजिवारसमा.कीपलसंस्थानमादि जबालालीकामानाका कोकान आकरिकऊईक सादिकीकजनाएका यवहालिसावरेसमायया पनिवेकिकासइएनधनारसकासडवासियसनल यिकाजलनीपरे निदनीयुजजगधनका रसपमाहिकाइक ऊरकरिमाजिक संस्थानकाचणाराधिकालानित २२- जिमखपुष्य यति मालिकोक.तिलरशमानयमादिकीकतिलि जालनाको त्रिदो जनाकदा रातोदीगलवा विधान बन्नीसवेनासएकासवेवाएसंगालवियाातन्मलो जियुमनामश्कीममधGESबरसमाहिकीक हुईको समथानमादिकाकोकनाथकीवानी जिहर निकालोपुल दुलनिविश्कान कोयल जो लिए संस्थानएकाबिल ननिलमरनेशल - मड जिनी S हिएसएसेगंधरसफासवेक्षसइएमंगविमान चन्नवायएडोनीसएसे शिल रweigकनिसिकरिसका निवासस्थानकामकिलयात्राखावतोमुमयिका नमादिकीक अतिलि संस्थानका पालनजीव सरीवाजेजल नजिदरसमाहिकोश्क फरमारिका कविलिपरम गठा रसोईफासम्वेवसइएसंगादियानपावन्न वकिलेडेसएसनबारसर्वकासमा करमधका थकानहरूमुखमकादि कि कब तिलि रसमाहिऊन तिहारसफासमकाजजियो विकनिजविलमल एय नजि ३६रिपुनिसुवाति यणकाजनिवारस समान माहिनोसिलसंस्मानमकाविलन नायललेहविवल मंदिर जवै. २७ -नादिएसंगरदागवडीसमुशासएसेवनारसर्वकासम्देवासइएसंantanोसदेसी बोर SRISeaderme

Loading...

Page Navigation
1 ... 384 385 386 387 388 389 390 391 392 393 394 395 396 397 398 399 400 401 402 403 404 405 406 407 408 409 410 411 412 413 414 415 416 417 418 419 420 421 422 423 424