Book Title: Lokashaha ki Hundi
Author(s): 
Publisher: ZZZ Unknown

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Page 397
________________ कंदलीय एवुलकंदनी जाति, लोहिया गायकंदनी जात जनी जातिक बज कंद काय देया कंदलीय हो दिलायी। वह गाय तदेवया करयवठा कंदेय किंदे सिंह का नामात कंदनी मुटीमा कं हलद रहयुल ९६ मा दिदेश कंदनी जाति नेक जात नामाकंद एहलो क सिकाय प्रकार अनंत काटना एक जारेवर प्रकारे जीवाला नही माई एगदिरुमा गरते वाहता श्रीमदिनी । आदिकालनाठें सपर्यवसितं महकन्नीयत देवयानी यह निहाटा लगाए पति कानाजी बिजे वनस्पतिनिगो तो कुज वदे राजने ऐकदेस बि - तिहांनी किए दितिसर्वलोकच उदानदिने जाशदरवन स्मृति काय सुमातविया दिया। सुर्मासर लोगनि / लोगय नाय पर्यवसित अनंत गल के जितिन विधिका य बिता साजिस रीयेले साहिवें ॥// यस यायादरियादयति साइया मवसियाविया वनस्पतिकायनो साऊषो सहस्र | सनी उत्क शिक्षित करें। सदसरसावा सालु को सियासवे नरसाउंड उन्रुष्टी घुली जोति । एकावितिनी लफूल नि लिहका नेत्र कार्यान कालमुको सेतो मुत्तंजलयं काय विश्व लगाएं तं यंत्र जन्नस्पतिका ता दस अकाली कंदनी जाति तकनीय बोध मायुजा ગી पुलोत असंख्यात कालन उत्कृष्ट 75 प्रसख काल की से

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