Book Title: Lokashaha ki Hundi
Author(s): 
Publisher: ZZZ Unknown

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Page 356
________________ (७) लंप्रकारेजिमरसनैवियरामहिम पाऽरक नीसहनीवरवर कावीनीयरेंगणाषवंतचिन्तनोधाचण | रसनेविषयमाप्रेमको अणिमाईकमकरंकावनरा: डरकाश एमेवरसन्निगनबरसोनवेऽरकास्यश्यरायविज्ञायचिलाइका ना जितकप्रतिवलीकरकनोविक्ष । ७२ मनोहररसनेविवंविरक्त स्यूविक aऽख्यानासाना नलीवान १७० किग्नुनविदाकालनेवि य रतोमडवोकहितो वरंपराभलितपकरा । बरमा संपुरणोऽऽविवागावरविरमानामविसगिएएण्डरकाहपरंपरेवलिया से ॥ संसारमा हिवसतोरिष्टातकाजमातारकरीकमला निरमा निकायस्यनिश्यिसकारानेहवरणदिवे उपानमोलविज्ञापनहानामनिरामीमध्यराणशया कारवा] कर्मनाहीउन्हा दिककहताय करादिक । रसवप्रसविसंती लिवायुकरिणीयलामाकायरसफासंगोवा कायासर्वशयकरिसबमोतिरामा फारिसपाक्यो हवा कापार अनि विवसनामध्यस्तकराम/७४ाढाउदाकरिसनयरूया ग्राहक रिलीयकरण्यात । जहऊकारला अमिताजाजकारह क्षरहिततेवीसरामकहा कायाकहें तीर्थकरादिका कायस्स गहलोतंटोसहयगेसमोयतेससचीयरगोफासस्सकायगत स्यकरिसऊस बहकायसनोहानाकरिससहि माझयायकरिससहित करिसनेविवेजिकाव्यिनिह प्रकाशनमा नाटाकरें कारणकजिनहिवामाशिवउकोनात्येतस्मात्सहसाकारे कासगह क्यहितिरादिनसम्नान्नमाजादोसस्सबाजाकासमिहिरविकासकाला मेल वापरण] | जिपरास्नेत्याभोलादपो जिमणकाजलवनिमहाउप्रतियपनि जजिको पुरुष । कोथालअटवीमा हिमरणयो म दिककरिसाने र ग्वयंति यावश्विष्णासारागारेसीयडलावसन्नामागिदाएपहिसवरन डियादि फरसर PORYEALI

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