Book Title: Kumbhojgiri Jain Shwetambar Tirth Shatabdi Mahotsava Granth
Author(s): Kubhojgiri Tirth Committee Kolhapur
Publisher: Kumbhojgiri Tirth Committee Kolhapur

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Page 23
________________ श्री कुंभोजगिरी तीर्थ कमिटीना छल्ला वीस वरसना प्रमुख उदारचरित धर्मप्रेमी श्रेष्ठिवर्य नगिनदास शाह, बेलगाम. श्री. चतुरदास गरवी गुजरातना महेसाणा जिल्लामा आवेल नदासण गामना वतनी धर्मश्रद्धालु शेठश्री नगिनदास केशवजी शाह ना धर्मपत्नी श्री ककुबाईनी रत्नकुक्षिए वि स १९५४ भादरवा सुद ५ ना दिने शेठ श्री चतुरभाइए जन्म लीधो तेमनी ऋण वरसनी उमरे पिताजीनो स्वर्गवास यता मना आर्थिक सजोगो प्रतिकूल बन्या श्री ककुबाईए तेमनो अहमदावादमा गुजराती चार धोरणनो अभ्यास कराव्यो ते समयमा परमोपकारी पू पा. आ श्री सिद्धीसूरीश्वरजी ( दादा ) मनो सुयोग थता सुसस्कारो साथै मनो धार्मिक अभ्यास पण विद्याशाळामा थयो जीवनमा तेओश्रीए तडकाछायडा जोया ओश्रीए माताजीना उपकार स्मृतिपटमा राखी स. १९६६ मा नानी वये प्रतिकूल सजोगो छता, व्यापारी क्षेत्रे प्रगरण माड्या विनय, कार्यक्षमता, नामप्रमाणे चातुर्यादि गुणोनी सुवासना कारणे अमदावाद, मुबई, पूना, कोल्हापूर सुधी तेओश्री स्नेहीओना सहकारथी नावी पहोच्या सादाइ, व्यवहार कुगळता, मायाळु स्वभावना परिणामे वि स १९९२ तेओश्रीए बेळगाममा शेठश्री कातिलाल मणिलालनी भागिदारीमां सोप फॅक्टरी' स्थापन करी छे, जे महाराष्ट्र छल्ला बत्तीस वर्पथी अखंडितपणे उज्वल यश प्राप्त करी रहेल छे शेठथीए सामाजिक, व्यापारी, प्रजाकीय, राजकीय वर्गमा मित्राचारी भर्यो सबध राखी, लोकहितना अनेक कार्यो तन धनयो करी, चोर लोक मन श्री कुभोजगिरी शताब्दी महोत्सव ] प्रियता प्राप्त करी छे धार्मिक क्षेत्रे पोताना वतनमा प्रतिष्ठा महोत्सव तेमज कोल्हापूर श्री शांतिनाथ जैन श्वे. मंदिर, फलटण मंदिर, श्री कुभोजगिरी धर्मशाळा, कडी जैन बोर्डिंग आदीनी शीला स्थापनाओ तेओश्रीना शुभहस्ते थता तेओश्रीए प्राण पूर्यो छे प्रभु प्रतिष्ठा, अष्टोत्तरी शातिस्नात्र, साधर्मिक वात्सल्यो, गुरुवर्यांना चातुर्मास, इत्यादि धार्मिक कार्योमा ओश्रीए बादशाही सखावतो करी घणु पुण्योपार्जन कर्यु छे ओश्रींना सहचारिणी सौ मणिबेन, तेमना चिरजीव मानचदभाई सेवतीलासभाई, महेद्रभाई आदि सर्व परिवार पण तेमना धर्मकार्योमा उल्हासपूर्वक साथ आपता आव्या छे सस्कारोना कारणभूत समकितदायक एक मनोहर गृहमंदिर पण तेओश्रीए टिळकवाडीमां पोतामा बगलामा कर्यु छे श्री जैन विद्यार्थी भुवन महेमाणा, श्री जैन बोडिंग कडी, श्री महाराष्ट्रीय जैन विद्या भुवन जुन्नर, श्री कुभोजगिरी तीर्थ कमिटी, तथा बेलगाम जैन सघना मानवता अध्यक्षपदे रही, जुदी जुदी सस्थाओने मार्गदर्शना आपता, जिना - ज्ञाने वफादार रही तेओश्री ते ते क्षेत्रनी कीर्ति वधारी रह्या छे बहोत्तर वर्धनी उमरे पण तेओश्रीनी कार्य करवानी घगरा, उल्हास अभिनदनीय छे ओश्रीने दीर्घायुरारोग्य मळे अने शासननी सेवा करवामा ते वधु अने वधु रस लेशे ए अपेक्षा छे [ २७

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