Book Title: Kumbhojgiri Jain Shwetambar Tirth Shatabdi Mahotsava Granth
Author(s): Kubhojgiri Tirth Committee Kolhapur
Publisher: Kumbhojgiri Tirth Committee Kolhapur
View full book text
________________
/लवाठा तांता
पाख्य पण्यकशना
THA
p9F
जगवल्लभ-पाख्यि , जगता ताप-नागक जपन्ति विभुमर्हन्त, त सेवका. प्रपुण्यज ।। ४ ।।
सिंहासन बध.
SATURDER
म
हन्
ले ष WWERS.
सिंहासन बन्ध
म्यम्
नियम
वितस्
मोह शत्वज्जत प्रमुकनग नौमि चकान्ति
पार्वन यस्मिन मनन भन्नि पार्चग्य मक्ति नवनाद ब्रजन्नि मोर-मन-यजन प्रभवन गगनगिन्नियवतम् ।। ५ ॥
गमगुट बध
'नाद
ਝੁਕਾਬੂਟ ਬr
-
-
[ श्री फुभोजगिरी शताब्दि महोत्सव

Page Navigation
1 ... 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82