Book Title: Kumbhojgiri Jain Shwetambar Tirth Shatabdi Mahotsava Granth
Author(s): Kubhojgiri Tirth Committee Kolhapur
Publisher: Kumbhojgiri Tirth Committee Kolhapur

View full book text
Previous | Next

Page 28
________________ ०भा ANTANIM RAILERHITRAILE SSIFIE STATISMATRJI JID THRLIE स्वर्गगतोयस्य विष २Balentipur पाभिविनोज यस्यास्ति विज्ञानमय स्वगं गतो यस्य भुविप्रभाव यस्यास्ति विज्ञानमय स्वभाव । यद्ध्यानत पापगणा क्षयन्ति तत्पार्श्व-जापाद भविनो जयन्ति ।। ६ ॥ मत्स्ययुगल बध तत्काल मत्स्ययुगल बन्ध MVATIME HOURNA कुव्य कुर्वन्ति गगा-धुनितोय-वार रवा यतो मानमजे सपावें ।। स्तुवन्ति सर्वज्ञमभूत-भूत त भूतभूनाथ सुरा सपार्श्व ।। ७ ।। कळश बन्ध यस म CATE9 58 845 ( स ) " + पा सम् - कला बन्ध श्री कुंभोजगिरी शताब्दी महोत्सव ]

Loading...

Page Navigation
1 ... 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82