Book Title: Keshari Kevali Charitram
Author(s): Vardhamansuri
Publisher: Shravak Hiralal Hansraj

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Page 3
________________ केशरी० | आभाति यतिधर्मश्रीक्षणखेलनभूमिका / दुरितोर्मिविरामाय व्रतं सामायिकं पुनः // 1 // सान्वय परित्रं ___ अन्वयः-पुनः यति धर्म श्री क्षण खेलन भूमिका सामायिकं व्रतं दुरित ऊमि विरामाय आभाति. // 1 // भाषांतर अर्थः-वळी मुनिधर्मनी लक्ष्मीने नृत्य करवानी रंगभूमिसरखं सामायिक व्रत, पापोना उछाळानी शांतिमाटे शोभेछे, (अर्थात् ते PI // 2 // पापोना उछाळाने शांत करेछे.) // 1 // // 2 // मोक्षश्रीममतारम्भः समताभ्यासरङ्गभूः / करुणारससिन्धूमिरायं शिक्षाव्रतं मतम् // 2 // __ अन्वयः-मोक्ष श्री ममता आरंभः, समता अभ्यास रंगभूः, करुणा रस सिंधु जमिः, आचं शिक्षा व्रतं मतं. // 2 // अर्थः-मोक्षलक्ष्मीनी ममताना आरंभसरखु, अने समताने क्रीडा करवानी रंगभूमिसरखं, तथा कृपारसना महासागरना मोजांसरखं, पेहेलं शिक्षाव्रत कहेलुं छे. // 2 // क्रूराचारोऽपि संसारकारया मुच्यते द्रुतम् / केशरीव त्रुटत्कर्मदामा सामायिकवती // 3 // ___अन्वयः-सामायिक व्रती क्रूर आचारः अपि केशरी इव त्रुटत् कर्म दामा द्रुतं संसार कारायाः मुच्यते. // 3 // __ अर्थ:-सामायिक व्रतवाळो, मनुष्य क्रूर आचरणवाळो होवा छतां पण केशरी चोरनी पेठे कर्मोनी सांकळ तोडीने तुरत संसार रूपी केदखानामांथी छुटी जाय छे. // 3 // | तथाहि शत्रुलोकाहिबर्हणः क्षीणगर्हणः / भूपोऽभूद्विजयो नाम धर्मी कामपुरे पुरे // 4 // SECRUSLUGUSO900 B.SOHARA PP.AC, Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust

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