Book Title: Keshari Kevali Charitram
Author(s): Vardhamansuri
Publisher: Shravak Hiralal Hansraj
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________________ केशरी० [|| अर्थः-एम सांभळीने खुशी थयेलो ते राजा (पोताना) नगरमा गयो, तथा ते महा मुनिराज पण पृथ्वीपर बोध देता थका वि- 15!! सान्वय चरित्रं हार करवा कास्या. // 6 // पितृघातकरे सर्वजनसंतापकारिणि / चौरेऽपि दत्तनिर्वाण सेव्यं सामायिक बुधैः॥ 61 // भाषांतर // 20 // ___अन्वयः-पितृघात करे, सर्व जन संताप कारिणि, चौरे अपि दत्त निर्वाणं सामायिकं बुधैः सेव्यं. // 61 // 4 // 20 // अर्थः-पितानो घात करनारा, तथा सर्व लोकोने संताप उपजावनारा एवा आ चोरने पण मोक्ष आपनारुं सामायिकव्रत विचक्ष पोए सेववू. // 61 // // इति सामायिकवतमहात्म्योपदर्शने केशरिकेवलिचरित्रं समाप्तम् // // आ चरित्र श्रीवासुपूज्यचरित्रनामनामहाकाव्यमांथी खपरनाश्रेयने माटे तेना अन्वय तथा गुजरातो भाषांतर करी जामनगर निवासी पंडित श्रावक हीरालाल हंसराजे पोताना श्रीजैनभास्करोदय प्रीन्टींग प्रेसमा छापीप्रसिद्ध कयुं छे // श्रीरस्तु // // समाप्तोऽयं ग्रंथो गुरुश्रीमच्चारित्रविजयसुप्रसादात् // . 5-RॐSAE% CSIR __Jun Gun Aaradhaki PP.AC.Gunratnasun M.S.

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