Book Title: Keshari Kevali Charitram
Author(s): Vardhamansuri
Publisher: Shravak Hiralal Hansraj

View full book text
Previous | Next

Page 11
________________ भाषांतर Milm10 // केशरी | अन्वयः–वापी कूप तडाग आदि स्थानेषु निरूपयन् अपि भूपतिः क अपि चौर संचार चेष्टितं न माप. // 28 // चरित्रं अर्थः-वाव, कुवा, तथा तळाव आदिक स्थानोमां तपास करतां छतां पण राजा क्यांये पण ते चोरना पगलांनु चिन्ह मेळवी शक्यो नही. // 28 // मध्याह्नेऽथ धरानेतुर्वनान्तर्भुवि तस्थुषः / नासामासादयद्गन्धः कर्परागुरुधूपभूः // 29 // अन्वयः-अथ मध्याह्ने वनांतः भुवि तस्थुषः धरानेतुः नासां कर्पूर अगुरु धूपभूः गंधः आसादयत् // 29 // अर्थः-एवामां मध्याह्नसमये वननी अंदरनी भूमिपर रहेला ते राजानी नासिकामां कपूर, अने अगुरुना धूपनी सुगंधि आववा लागी. व्रजन्गन्धानुसारेण चण्डिकागारमासदत् / चम्पकाद्यर्चितां तस्मिन्नपश्यच्चण्डिकां नृपः॥३०॥ ___ अन्वयः-गंध अनुसारेण वजन् नृपः चंडिका आगारं आसदत्, तस्मिन् चंपक आदि अर्चितां चंडिकां अपश्यत् // 30 // अर्थः-ते सुगंधने अनुसारे जतो राजा चंडिकादेवीना मंदिरमा आव्यो, अने त्यां चंपकना (पुष्पो) आदिकथी पूजन करेली चंडिकादेवीनां तेणे दर्शन की. // 30 // उन्मुच्य धूपनं तादृग्भूपमभ्याययौ ततः। संयोजितकरः पूजाकरः प्रवरचीवरः // 31 // अन्वयः-ततः तादृक् धूपनं उन्मुच्य प्रवर चीवरः पूजा करः संयोजित करः भूपं अभाययो. // 31 // अर्थः-पछी तेवीरीतनो धूप (करवान) छोडीने उत्तम वस्त्रधारी ते (देवीनो) पूजारी हाथ जोडीने राजापासे आव्यो.॥३१॥ - REAL Gimal ॐॐॐॐॐ Jun Gun Aaradhak Trust

Loading...

Page Navigation
1 ... 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22