Book Title: Kaudesh se Kundkund
Author(s): Yogesh Jain
Publisher: Mukti Comics

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Page 2
________________ प्रकाशकीय "कौण्डेश से कुण्दकुण्द का द्वितीय संस्करण श्री कुण्दकुण्द दिगम्बर जैन स्वाध्याय मंडल ट्रस्ट नागपुर के 'सत्साहित्य प्रकाशन एवं विक्रय केन्द्र के माध्यम से प्रस्तुत करते हुए हमें अत्यन्त प्रसन्नता है कि हिन्दी के प्रथम संस्करण की अतिशय सफलता के पश्चात द्वितीय संस्करण के साथ कन्नड़ का भी प्रथम संस्करण प्रकाशित किया जा रहा है। यह प्रस्तुत कृति की लोकप्रियता का ही प्रमाण है। कृति के लेखक डॉ० योगेश चन्द्र जैन का नाम जैन विद्वानों में सम्मान के साथ लिया जाता है। आपकी कृति 'जैन श्रमण' को शास्त्र सभाओं में भी सम्मान के साथ पढ़ा जाता है। बालोपयोगी साहित्य में भी आपकी अभिरूचि धार्मिक कॉमिक्स. की ओर आकर्षित हुई। आपकी द्वितीय कॉमिक्स "नाटक हो तो ऐसे भी' प्रकाशित हो चुकी है। जैसे लेखक का विचार है कि २१वीं सदी में प्रवेश के साथ कम से कम २१ कॉमिक्स अवश्य प्रकाशित होनी चाहिये। इस दिशा में वे तत्पर भी है। अन्य कॉमिक्सों का काम भी गतिशील है जिनमें भद्रवाहु, चन्द्रगुप्त आदि के नाम उल्लेखनीय है। हमारे ट्रस्ट ने भी यह उद्देश्य बनाया है कि मराठी/हिन्दी भाषा में अप्रायः अनुपलब्ध महत्वपूर्ण जनसाहित्य के प्रकाशन के साथ-साथ बालोपयोगी साहित्य भी प्रकाशित किया जाय। अभी तक जो रचनायें प्रकाशित हुई हैं उनमें योगसार (मराठी) रथयात्रा गीत, सम्मेद शिखर पूजन विधान (मराठी) का प्रकाशन किया जा चुका है। तथा पदमनन्दि पंचविशंति का ६०० पृष्ठ को पं० गजान्धर लाल जी कृत के साथ प्रकाशन का कार्य प्रगति पर है। आशा है कि ४ माह में वह भी पाठको को प्राप्त हो जायेगी इसका लागत मूल्य करीब ८०.०० रुपये आएगा। जबकि उसका विक्रय मूल्य ४०.०० रखना अपेक्षित है। पाठकों से निवेदन है कि वे इसकी कीमत कम करने में भी अपनी सहयोग राशि "श्री कुण्दकुण्द दिगम्बर जैन स्वाध्याय मंडल ट्रस्ट, नागपुर' के नाम से ड्राफ्ट अथवा मनीआर्डर भेजकर कर सकते है। आपके सहयोग की हमें आशा है। अध्यक्ष निर्मलकुमार जैन मंत्री अशोक कुमार जैन श्री कुण्दकुण्द दिगम्बर जैन स्वाध्याय मंडल ट्रस्ट, नागपुर

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