Book Title: Karmgranth 01 02 03 Author(s): Devendrasuri, Manitprabhsagar, Ratnasensuri Publisher: Ashapuran Parshwanath Jain Gyanbhandar View full book textPage 2
________________ ॥ श्री सुधर्मास्वामीने नमः ॥ अहो ! श्रुतम् - स्वाध्याय संग्रह [३] कर्मग्रंथ [१-२-३] [गाथा और अर्थ] -: कर्ता : आ.श्री देवेन्द्रसूरिजी अनुवादक : प्रथम कर्मग्रंथ : मुनि मनितप्रभसागरजी द्वितिय-तृतिय कर्मग्रंथ : पू. आ. श्री रत्नसेनसूरिजी -: संकलन : श्रुतोपासक -: प्रकाशक :श्री आशापूरण पार्श्वनाथ जैन ज्ञानभंडार शा. वीमळाबेन सरेमल जवेरचंदजी बेडावाळा भवन हीराजैन सोसायटी, साबरमती, अहमदाबाद-३८०००५ फोन : २२१३२५४३, ९४२६५८५९०४ E-mail : ahoshrut.bs@gmail.comPage Navigation
1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 ... 50