Book Title: Kaise Sulzaye Man ki Ulzan
Author(s): Chandraprabhsagar
Publisher: Jityasha Foundation

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Page 117
________________ न सुख से बैठने देती हैं और न ही चैन से सोने देती हैं। न तो हमारा नींद पर नियंत्रण है न ही जागरण पर। पहले आदमी दिन भर परिश्रम करता था। शाम को चैन की रोटी खाता था, रात को आराम की नींद लेता था। आज आदमी की हालत बड़ी जबरदस्त बिगड़ रही है। रात को ए.सी. रूम में सोता है, डनलप के गद्दों पर और सारी रात करवटें बदलता रहता है, फिर भी नींद नहीं आती है। अमेरिका को विकसित देश कहते हैं। वहाँ के लोगों को चैन की नींद नहीं। रात को साठ फीसदी लोग वहाँ नींद की गोलियाँ खा रहे हैं। आखिर यह कैसी जिंदगी है जिसमें रात को सोने के लिए गोली खानी पड़ रही है और सुबह जागरण के लिए अलार्म घड़ी की जरूरत पड़ रही है। दुनिया में सबसे सुखी इंसान कौन है, अगर मुझे पूछो तो कहूंगा वह इंसान सर्वथा सुखी है जिसे सोने के लिए नींद की गोली नहीं खानी पड़ती और जगने के लिए अलार्म की जरूरत नहीं पड़ती। वह सुखी है जो फर्ज निभाता है पर किसी का कर्जदार नहीं है। जो प्रतिकूल परिस्थितियों में मुस्कुराता है। दूसरों का हित करने के लिए अपने स्वार्थ का त्याग करता है, भला उससे ज्यादा सुखी कौन होगा? वह व्यक्ति सुखी होगा जो मेहनत पर भरोसा रखता है। अपने कार्य स्वयं करें। देखता हूँ सम्पन्न घरों में लोगों को पानी पिलाने के लिए भी नौकर हैं, खाना बनाने के लिए नौकर हैं, झाड़ पोंछे के लिए अलग नौकर हैं, माँ बाप बूढ़े हो गये तो उनकी सेवा के लिए नौकर, छोटे बच्चों को माँ बाप का प्यार कहाँ मिलता है ! उनको पालने के लिए भी नौकर। सम्पन्न घरों में लोगों ने स्वयं को व्यस्त जताने के नाम पर हर काम के लिए नौकर रख रखे हैं। मुझे तो डर लगता है कल कहीं ऐसे दिन न आ जाये जब तुम बहुत ज्यादा व्यस्त हो जाओ तो पत्नी से प्यार करने के लिए भी नौकर रखना पड़े। खुशी : एक मुकम्मल दवा प्रसन्नता के परिणाम क्या हो सकते हैं? पहला देखें - 'स्वास्थ्यपरक परिणाम।' प्रसन्नता हमारे तनाव को काटती है, चिंता को भेदती है, हमें सहज करती है। प्रसन्नता तो प्रेशर कुकर में लगी सीटी की तरह है। जब कुकर में वाष्प का दबाव बढ़ जाता है तो प्रेशर रिलीज करने के लिये सीटी बज जाती 108 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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