Book Title: Kaise Jiye Madhur Jivan Author(s): Chandraprabhsagar Publisher: Jityasha Foundation View full book textPage 4
________________ भूमिका हम सभी भाग्यशाली हैं जो हमें मनुष्य के रूप में जीवन जीने का मौका मिला है। जन्म के साथ ही प्रकृति ने हम सभी को अपार क्षमताओं, संभावनाओं और गुणों का भण्डार प्रदान किया है। यह हमारे हाथ में है कि हम इनका उपयोग करके इन्सान के रूप में अपने जीवन को सफल बना सकते हैं अथवा इनकी उपेक्षा करके घोर निराशा तथा असफलता की गर्त में गिर सकते हैं। महत्त्वपूर्ण यह नहीं है कि व्यक्ति ने कितना लम्बा जीवन जिया, महत्त्वपूर्ण यह है कि उसने कैसा जीवन जिया । अपनी सकारात्मक सोच, व्यवहार कुशलता, सौम्य स्वभाव और कार्य करने के तौर-तरीकों में सुधार लाकर व्यक्ति न केवल अपना जीवन सफल और मधुर बना सकता है वरन् अपने सम्पर्क में आने वाले हर व्यक्ति को प्रफुल्लित कर सकता है । परम श्रद्धेय पूज्य गुरुवर श्री चन्द्रप्रभ की यह नई मूल्यवान कृति 'कैसे जिएँ मधुर जीवन' जीने की कला सिखाने का अनुपम मार्गदर्शन है। इसका हर पृष्ठ आनन्दमयी जीवन जीने के साथ नये उत्साह और Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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