Book Title: Jeevvichar
Author(s): J R Shah
Publisher: J R Shah
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Date
तेमाजमान्य पिडटोन्द्रिय क्यामनंता निगोहादिशुपोनी उत्पत्ति तथा विराधिनाथस्य छेतेथीका अहिंसड Amarnमा पेस्टनां
नाले, तभशनमायापरघु श्रेष्ठ गएण्या (श्या तैयार: पाउयमांगमगतां, पान-मसाला, सुगंधी सोपारीमो
मने रंगीन परियाणी उपर सेडरिनना पडत्यापेला होय छे. सेडरिन तो डेन्सर पा रोगाने मामंतशामापे छे. तेथी, सापां पार्थो पापरवामांमद्रप्या मारोग्या शरीरनां स्तरतुंसने लाप खारोग्य (सात्भानाजस्तर); जंने नभाय छ । डलटा नुसान थायछे.
होटल वारी परनी पानगीमाशाड्यारेयालय होती नथी. मागणपाएगीनो उपयोग मारनां मलक्ष्य सोटा, टेस्ट भाटे ससेंसरासरमाटे गुहा-दुहां रंगा झनी नव्याने लंड कोरेनी यनी, पपशती होयरछे, पपेली रसोई, जी हिवसे, गरम जरी उपयोगमा पायछ। घी, तेल, पाएगी म्युसपोरेना पासपोजलाफ्नो उिधाड पश्यां रहेछ तेमां भरकर, पांडा, नगरोगी, रिपोरे पडतां होयछे. तेस्रो तेनायीपीया पोरेयी पडडीने महाराहाटे छेसने से धापरेमाथी, तभने जाशाही या फोरे बनावी पीपडापायछे हो मापी था तो स्वादिष्ट बाग ने . .
!! डटई पापडरपाणी माऽसहीममा किटलेटीन पशुमोनां हाडांनो पापडर) पाडानो सात्तथानामनुं मांसाहारी भेटी वपशयाछेनार्डसहीभनी शस्त्रातमांग यरजीना थरने ऽ मने रामरायोकाछिद्राणु बनाषाय छेयरजी भोटाभां मूहलां, सहेलाऽधी मोगणे, ते भाटे, निर्दोधारामजोस पशुपक्षीमोनी शुहानीयामडी, नाड, मायणए, आमा, छडी पोरे पार्थोनोगयीडएगो सईएस), मालेगपवाभां. साये छे. तथा, प्राएी गुंहर सने गंधातां पाणी पहा उमेरपामांसाफेछ भोंधा माईसहीममा हा हायईडा परपडी शडे, पएा, सारीभां पेयातामाईसकीभमां तो डाने नहले "डी-ईथिल सुओठ" नामर्नु मेन्टी-झीठ, सस्तु, रसायाए पपराय छे. भायानां थती 'जोडो' मने भारषानुपरानोल' से 'बेनिटाना ना खाने पीरसाय छेटो -हो स्पा मापयां भाटे, हां हां रसायए-डेभिल्सयपराय छे. मनेहां -E

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