Book Title: Jeevvichar
Author(s): J R Shah
Publisher: J R Shah
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No.
© Ceasarian method :
गर्भाशयं उपर डाय भूडीने, आजउने उंडी सेवाय छे. जाजड भरे से पहुंलां डलाडो सुधी तेनुं हृदय धजतुं होय छे......!
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(d) गर्भाशयमांधी, मोटी सोय वडे, प्रवाही जहार जेंसी, भीडानुं पाणी सुंदर हाजत डराय छे. तेनांथी, थोडो समय तरइडीयां भारी जाणS मृत्यु पामे छे.
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प्रोस्टाग्लान्डीन नामनी हवा गर्भाशयने संडोये, छे. मेनां सीधे जाना गर्भाशयनी जहार घडलाय छ े. खाने सीधे, भवतुं के भरेलुं जाणड समये जहार जापी भय छे.
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तेथी, Abortion - गर्लयात पोते डयुं नहीं, जीभनुं डराव नहीं जने डोर्ध डरतुं होय तो तेने सारं मानयुं नहीं. गर्लपात दुरापपाथी, गर्लमां रहेल, पंचेन्द्रिय मनुष्यनी हिंसानो होष लागे छे. पाथीने संल्प उरभे हे भुवनभां दुहि पए, नरङ्गतिमां 7. डारएालूत जने सेयुं, खा पाप थुं नथी परंतु अज्ञानवश भे गीतार्थ सेवा કદાચ खा, पाय धर्म गयुं होय तो डोर्घ महापुरुष गुरु लगवंत पासे अर्ध जा पायनुं प्रायश्चित साया हिलथी डरी लेभे खने धर्ध गयेला खा पापनी निंध- गहू खात्मसाक्षीखे वारंवार हरभे, तो जांघेला र्मो निर्जण थशे रखने खायुष्यनो जंध न पड्यो होय तो नरद्वाहि दुर्गतिथी जयी भवाशे.
पशु-पंजीखो पए। पोतानां जय्यांने प्यार ङरे छे. द्रुतरी य पोतानां जय्यांने व्हाल ४ उरे छे. पए। सांलव्धुं छे डे, प्यारेड होर्धऽ चार खत्यंत लूजनी पीडाथी व्याडुज थाय छे, त्यारे दुतरी पोलानां ताभ कन्म खायेलां जय्याने जावा प्रयत्न करे छे. पडा, खाम्नी नारी तो वगर झरने मात्र योतानी मोग्मभ माटे जाजडनुं जून डरावे छे. खावी नारी दूतरी डरतां पधु नीय न उहेपाय ?
मनुष्यतो विभाग समाप्त (THE END)
KOKUYO W-N9280U

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