Book Title: Jeevvichar
Author(s): J R Shah
Publisher: J R Shah
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16.. (333)
Date
डुमाउ छे, न्यलापे छे. मेडमीन नारडीसो पासे सेडवीजनी व्याभडी छोलापे छेसने पोते हुरपत पड़े निध्यपही दाङडानी भरी नांजे छे. | परमाचाभीयो से जुषोने तेमना पाप या दुरापी, पूर्वलपमा होशे-होंगे डरेला रानिलोन, मांस-महिरा माहिना टेस्ट पाछण संपर थयेला, होंगे होशे होर हये मलइयना लक्षए। उरनारामोने सेनी सजइप मोंढामां डीडीयो लरीने मो, सीपी नाम छे. सेना मोठामा लयर सर्पपींछी रेवी तथा पिष्टाथी सनंतगएसशुल सने धिवाणीपस्तुमा नांजे छे. स्पानी सोलुपताथी निष्ठुर जनीने सयपानगडानीडेडपाणा- अखेटीनवाणा माईस्कीमाहिमा जहु भन्न सापती हुती निभाया उसपी धाधिपता सीसाायु प्रवाही नारना मोटामां
रेडे छे. परस्त्रीलंपटापखने विषयासात नुपाने तांबानी तपापेली धगधगती प्तणीखोर्नु मालिंगन दुराग्छे.
कखनोन्यतापेनाः मन्मनुध्यसोऽमा सेड शेरीना कूतरा जील्लु
शेरीना इतराने साभसामा बसेछे, लसेछेसने धुरडीया डरे छ तिम मारडीखो पर परस्पर पिथी धमधमता जीनसामेधसे
छे, धुरडीया रे-छे, मगडे छे, भारे छे, छे? छे, हुममापे छडारण लेमोन परस्पर नन्मनत वैर होय छे. लाला-तलवार-बार तेमक हाथ-पाहांतना प्रहारथी खेडजीलना यंगोपांग छेद्यार्थ नियमने उतलमानामा ज्यायेवा मंगोपांगपाणा पशुमोनी जेम तरीया भारे छे.
शत-पिस हामथी पीडाता नारो सेड श्वास पए સુખપૂર્વક લઈ શકતા નથી. એમના લમણે કેવળ દુ:ખ જ લદાયેલું છે. नारऽना जपोने पछाडपामा माये, डापवामां मापे, तगवामा सापे, लेयामां माये, तोऽपामां खापे, खोगाणपामा माप, तो पए, मशुल छिय पुग़लो पाछा पाराना रसनी म हुता खेपा घई नय छ. तेस्रो हुनधी उंटाणीने भरवा ईछे तो पहा पोताना निरुपम मायुष्यनी पूर्णाहुति पूर्षे मरी शहता नथी. घटी घी अण या घोर पीडा-पेनासो तेस्रोने रडतां- रडतां अनिरछामे सहेपी पड़े छे.

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