Book Title: Jeevvichar
Author(s): J R Shah
Publisher: J R Shah
View full book text
________________
No.
(314)
Date
पलटी माया छे डे-पीडाने सीधे सीधी घर्छ शडतो नथी. मेनाशरीरनां नीयेनां लागनां डोभण संगोने, थोडीवार तड तयापीने, दुसाई तेना शरीरनांन्टुडेन्टुडां री जाने छे. वारजानाभां मा टुडामोने मोहसीने, खेमाथी रोड, विशिष्ट तेल नीडाणपामां मापे छे. खातेदनो उपयोग, सौर्य सामग्री जनाषवाभां थाय छेसारीते, डायनासो समुद्र तटथी सीधांतभारां इभमां , सौर्य सामग्री ३पे| Cosmetics) पहोंगी. लय छे. नभारी सुंरता भाटे, डेटलां डायजानी
हरपानरसेन्र टमीनीट,मनहानि यती शेर हत्या थती हो?तिसर,शांतिथी पियारोजमने नाशपंत शरीरनी, शोला भाटे, डातिल । हिंसाधी-नेला साosmetics पधों (cream powder, Lipstick ,
Thal Povis soap कोरे)नो पपराश जायभमाटे छोडी शो. झापशे ने? (छ) 1 मिन्नुं सत्तर : लिंगानामनिर्दोघम लोयुंघ्राही, निवाडीधी रामपए। जहुजनानुहोय छे. साधाएगीने, घां सोछां लोडामे नंगलमां
कोयु हशे. यिडियाधरन 200 पोरेभा, प्राप्त,मा प्राए नेपामगेछे. मानाना-नाए जनपरने, लाडानां मोटा डा- 'त'थी पीटपाभां मापे छिडे ननाघी ते उत्तेनुता याय, Gटेगमय धाया मा गधी परेशान थयेसखवस्थामां, पेनां शरीरमांयीमेड विशेष प्रडारनो पदार्थ, नीष्णपाटाणे छेडे नामां चूल सुधा होय छेतेनेनीयोडयामा सापेछे. सेनी सामग्रंथीने यादुधी रोंयपामां मापे छे भने याङनां लगातार प्रहार यातु रजाय छे. डाराडे, सत्तर तोाजनी शशे। पीनां सोहीनां सुपास छ - रेने नापो, सत्तर मने perfume ना ये उपयोगभांल मे छीने
तमारी पासे डोई हिसाब छ डेटलां निर्दोष ननपरोने तभारी शन यमनामानंह, भाटे, हएापामां मायां हशे- हुएगाताहशेर.... लपांतरभां मापां लपोनी मापी येहनाथी ने जययुं होय तो नुवनलर
भाटे perfume - अत्तरनो त्याग रयो... । ( तभारी हन्नमत: 'गीनी पीका' नेवां नाना- अभयां मनपरनी
यामडी मरोयीने, माइर शेष मोशननो सेप हुशवाय छे. परिपुए, टेस्टींग, ममतरांधी तपास डरपामां मा छे मा लोशन, भएासना गाल पर, झोला, शेऽi, मुन्न्लीनुगरसेशन तो नहीं डरे ने?जेटलेशीनी पीनी माल जरोंयकामांसावे छे. जेड्यार नहीं परंतु
KOKUYO W-NB2BOU

Page Navigation
1 ... 319 320 321 322 323 324 325 326 327 328 329 330 331 332 333 334 335 336 337 338 339 340 341 342 343 344 345 346 347 348 349 350 351 352 353 354 355 356 357 358 359 360 361 362 363 364 365 366 367 368 369 370 371 372 373 374 375 376 377 378 379 380 381 382 383 384 385 386 387 388 389 390 391 392