Book Title: Jainagamo me Syadvada
Author(s): Atmaramji Maharaj
Publisher: Jain Shastramala Karyalaya Ludhiyana

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Page 3
________________ 7। मोऽत्थु ण समरणस्स भगवओ महावीरस्स ॥ जैन - शास्त्र-माला - पञ्चमरत्नम् ॥ जैनागमों में स्याद्-वाद संग्राहकजैनधर्मदिवाकर, साहित्य रत्न, जैनागमरत्नाकर, · श्रीमज्जैनाचार्य पूज्य श्री आत्मारामजी महाराज प्रति १००० प्रथम वार -~ जैन शास्त्रमाला - कार्यालय जैनस्थानक, लुधियाना वीर स० ०४७७ विक्रम स० २००८ C मूल्य लागतमात्र 1)

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