Book Title: Jain Vivek Prakash Pustak 11 Ank 05 Author(s): Gyanchandra Yati Publisher: Gyanchandra Yati View full book textPage 5
________________ जैन विवेक प्रकाश. ३ राख्यो नथी तोपण एकला संयुक्त प्रांत ( अयोध्या अने प्रयाग ) मां १२० कारखानां बंध थयाछे अने ६० बंध थवानाछे अने सेंकडे १३ टका शैलड़ी ओछी बनाईछे. एवं संयुक्त प्रांत नी सरकारे हमणां प्रसिद्ध कर्युछे. आ बधी खराबी परदेशी सस्ती खांड पुष्कळ आववा लागीछे तैना प्रतापे ज थई छे. हवे ए सस्ती जणात अने सारी देखाती परदेशी खांड सर्वनाशक अने सत्यानाशी छे ते सप्रमाण जणावीए छीये ते लक्षमां लेवू. डाकटर युरे बनावेल अने १८४९ मां त्रीजीवार लंडनमां छपा येल डीसनरी ओफ आर्टस मेन्युफेक्चर्स एन्ड माइन्स (शिल्प अने खनीज पदार्थोना विद्या विषयक कोष ) मां १२०५ में पाने लखेलुं छेके :- एक तांबानी मोटी चोखंडी डेगमां चुनाना केटलाक पाणी साथे खांड राखेछे. जेमां थोडं वळदनुं लोही पण नाखवामां आवे छे। अने संकडे ५ थी २० टका हाडकांना कोयलानो भुकों नाखवामां आवे छे. कोई कोई साफ करनार तो हाडकांना कोयलानो भुको तथा बलदनुं लोही बने मेळवे छे. वळी ए डीक्सनरीनी १८६७ मां छपायेली छठ्ठी आवृति ना ८२९ मे पाने लख्युं छेके-हलकी खांड बनाववामां आवेछे त्यारे बेटन खांड साफ करवा माटे एक टन हाडकाना कोय लानो भुको काममां लेडे. खांड साफ करवाना जे कारखानां गा मोंमाछे तेमां एक टन खाड माटे कोयला काममां छे. लोढा नी मोटी चारणी जे ५ थी १० फुट गोळ अने १० थी ५० फुट उंची होयछे तेमां हाडकानां कोयलानो भुको भरेछे अने तेमां खांडनो रस रेडी गळी लेछे जेथी स्वच्छ सफेद थायछे, लोही मां कुदरती तेज मीठाश, कोई जातनो क्षार अने रेसाहोयछे तेथी जानवरोना लोहिमांची तेमज ईंडांनी सफेदीमांथी पणPage Navigation
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