Book Title: Jain Vivek Prakash Pustak 11 Ank 05
Author(s): Gyanchandra Yati
Publisher: Gyanchandra Yati
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जैन विवेक प्रकाश.
१३
थी पण बचवा पाम्यो नथी. गंगा पोल. जयपुरना पं. हनुमानशर्माजी ए आदेशनुं धन जवा तथा धर्मभ्रष्ट थवा सिवाय विलाती खांडना बीजा पण दोष लख्याछे. प्रथम तो अल्प मिष्टछे अने तेना बनेला पदार्थ जलदी बगडी जायछे. वळी तेना सेव नथी झाडा थवानो लोही बगडवानो मोढामां छालापडवानो ततथा कोलेरा वधवानो पण डर रहेछे. त्यारे देशी खांड सघळी रतेि लाभकारी अने ग्राह्यछे. आशाछे के लोको आनो विचार : करशे.
' सिविल एन्म मीलीटरी न्यूस' लुधीआना ता ३०-१-०३ मा लखेछेकेः-विलायती बीटरूटनी खांडें भारतने गारत करयोंछे ते देखती सफेद अने सस्तीछे पण मि. फीनलेना मत मुजब ते घणीज नापाक चीजछे तेथी झेरना प्यालामा दूध बरा वर जाणवी. तेना सेवनथी भारतमां घणा रोग फाटी नीकलेलाछे. gar sकानदारो ए विलायती खांडमां मणे पांच शेर गोळ मेळ वी झांखारंगनी देशीखांड तरीके वेचेछे तेथी लोको ए सावधान रहेबुं. मी. किनले लखेछे के बीटरूटनी खांड चहाय रेतीनी पेठे भले सस्ती मळे तो पण ते कई कामनी नथी. शरिमां एक खास किस्मनी खुस्की अने खोटींगरमी पेदाथई जायछे. आ हदथी वधारे खुश्क अने गरम चीज लोहीमां खोटी गरमी पेदा करेछे. जे तेनो जोश नरम पड्यापछी कमजोर थई जवायळे. लोहीनी मंदगति अने विकार ए तमाम बीमारियोनी जड छे. हिंदुस्थान जेबा ग रम देशमां शेलडीनी खांड सिवाय हरकोई जातनी खांड माफक नहिं आवनी. अने तेथींज करने हजारो वर्षों थयां हिंदना शाणा पुरुषोये हिंदना आबोहवाथी वाकेफ थई लसण गाजर अने डुंगळी जेवी गरम चीजो वापरवानी मना करेलीछे. कारण के ते लोही खोटी गरमी पैदा करेछे. पण ज्यारथी लोहीमां खोटी गरमी पेदा करी तबियत बगाडनारी बीटरूटनी खांड छुटथी वपरावा लागछे त्यारथी नवी नवी जातना रोग-प्लेग

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