Book Title: Jain Vastu Vidya
Author(s): Gopilal Amar
Publisher: Kundkund Bharti Trust

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Page 3
________________ ।। वास्तुशास्त्रं न लंघयेत् ।। वत्थु-विज्जा जैन वास्तु-विद्या आशीर्वचन संहितासूरि पं० नाथूलाल जी जैन, इन्दौर (म०प्र०) लेखक डॉ० गोपीलाल 'अमर' भारतीय ज्ञानपीठ, नई दिल्ली-110003 सम्पादन एवं प्रस्तावना-लेखन डॉ० सुदीप जैन जैनदर्शन विभाग श्री लालबहादुर शास्त्री राष्ट्रिय सस्कृत विद्यापीठ नई दिल्ली-110016 00 प्रकाशक कुन्दकुन्द भारती, नई दिल्ली-110067

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