Book Title: Jain Tattva Darshan Part 02
Author(s): Vardhaman Jain Mandal Chennai
Publisher: Vardhaman Jain Mandal Chennai

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Page 17
________________ (7) मेरे गुरू गलत वाक्य - सही वाक्य 1. अंकलजी खाना लेने आओ। - म.साहेब गोचरी वहोरने पधारो। 2. म.साहेब बार-बार कपड़ा उतारकर पहनते हैं। - म.साहेब पडिलेहन करते हैं। 3. म.साहेब चरवला से कचरा दूर करते हैं। - म.साहेब ओघा से जीवों की जयणा करते हैं। 4. म.साहेब थाली में खाते हैं। - म.साहेब पात्रे में वापरते हैं। 5. म.साहेब एक गाँव से दूसरे गाँव जाते हैं। - म.साहेब चलकर विहार करते हैं। 6. म.साहेब भाषण देते हैं। - म.साहेब व्याख्यान (उपदेश) देते हैं। 7. म.साहेब लंबी लकड़ी रखते हैं और मारते हैं। - म.साहेब डंडा रखते हैं उससे विहार में जानवर आदि पास में नहीं आते और चलने में सुविधा होती है। (8) दिनचर्या A. सुबह उठने की विधि सुबह सूर्योदय से 48 मिनट पहले जागृत होना । उठते ही दो हाथ घिसकर आँख को लगाये। फिर दो हाथ इकट्ठे कर सिद्धशिला रुप हस्त रेखा के ऊपर 24 पर्व में 24 तीर्थंकर भगवान का स्मरण इस प्रकार करें: फिर 8 कर्मों के क्षय के लिए दृढ़ संकल्प पूर्वक 8 नवकार गिनें। बाद में जिस नाक से श्वास चल रहा हो (उसे अंगूली से जाँचकर) उस तरफ का पैर बिस्तर में से प्रथम उठाने पर दिन शुभ जाता है। B. माला गिनने की विधि दाँए (Right) हाथ में क्रमशः नंबर पर माला का मंत्र बोले, एक बार जीमने हाथ में 12 तक पूरा होने के बाद बाँए (Left) हाथ में 1 नंबर पर से 2 नंबर पर जाना। इस प्रकार दाँए हाथ में 12 पूरे होने पर बाँए हाथ का एक एक नंबर आगे बढ़ाते जाना। जब बाँए हाथ के 9 नंबर पूरे हो जाएँ तब एक माला पूरी होती है। वाN 00

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